पहाड़ों में रोमांच और रोजगार के लिए शानदार पहल, उत्तरकाशी के डीएम के जबरदस्त प्लान !
Jan 17 2018 3:11PM, Writer:कपिल
उत्तराखंड में कुछ जिलाधिकारी ऐसे हैं, जो रोजगार की दिशा में लगातार शानदार पहल कर रहे हैं। चाहे आप बात रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल की करें या फिर हरिद्वार के डीएम दीपक रावत की करें या फिर उत्तरकाशी के डीएम डॉ. आशीष चौहान की करें, हर कोई अपने अपने हिसाब से पहाड़ों में रोजगार के लिए कोई ना कोई पहल शुरू कर रहा है। जाहिर है कि अगर हर जिले की प्राकृतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वहां के जिलाधिकारी कोई अभिनव पहल करें, तो इससे उत्तराखंड और भी ज्यादा मजबूत होगा। इस बीच उत्तरकाशी के डीएम आशीष चौहान ने एक शानदार पहल शुरू की है। मनेरी भाली डैम की जोशियाड़ा झील में उन्होंने इस पहल को शुरू किया है। मंगलवार को पर्यटन विभाग की मदद से सात दिन का कयाकिंग ट्रेनिंग कैंप शुरू किया है।
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खास बात ये भी इस इसमें 20 युवक हिस्सा ले रहे हैं। 20 और 21 जनवरी को ऑल इंडिया कयाकिंग, कनोइंग और सलालम कॉम्पीटीशन उत्तरकाशी में होनी है। इसमें हरिद्वार, रुड़की, बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही हैं। ये कॉम्पिटीशन मनेरी भाली झील के 200, 400 और 500 मीटर एरिया में होगी। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी की इस पहल को सराहा है। डीएम की कोशिश है कि जिस तरह से टिहरी झील में वॉटर स्पोर्ट्स के जरिए कई युवाओं को रोजगार मिला है, वैसे ही जोशियाड़ा झील में भी होगा। इस झील में कनोइंग, कयाकिंग और सलालम जैसे वॉटर स्पोर्ट्स का आयोजन होगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और वो एक नए क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर सकेंगे। डा. आशीष चौहान ने मनेरी भाली की जोशियाड़ा झील में सात दिन के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई।
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उनका मानना है कि अगली चार धाम यात्रा के दौरान पर्यटन सीजन उफान पर होगा और इसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इसमें बोर्डर एरिया क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाएगा। जिलाधिकारी के मुताबिक इससे स्थानीय युवाओं के पास रोजगार के नए मौके होंगे। इस कयाकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा स्कूली बच्चों को शामिल करने के भी निर्देश दिए गए हैं। डीएम का कहना है कि स्कूली बच्चे प्रशिक्षित होकर वाटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकेंगे। आज के दौर में उत्तराखंड के अलग अलग जिलों में अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन जिलों के जिलाधिकारी इन कार्यक्रमों को अंजाम दे रहे हैं। जाहिर सी बात है कि हर जिले में ऐसी ही कुछ पहलें हों, तो स्थानीय युवाओं के पास रोजगार के और भी अवसर होंगे।