उत्तराखंड के हर जिले में ऐसे डॉक्टर हों, तो पहाड़ के लोगों को शहर नहीं भागना पड़ेगा
Jan 30 2018 3:40PM, Writer:कपिल
आप लोग क्या सोचते हैं, पहाड़ों में अच्छे डॉक्टर्स नहीं हैं ? पहाड़ों में अच्छे डॉक्टर्स मौजूद हैं, लेकिन लोगों को उन पर भरोसा नहीं होता। फर्क हमारी सोच का है। माना कि पहाड़ों में सुविधाओं का टोटा है लेकिन पहाड़ के डॉक्टरों में टैलेंट का टोटा नहीं है। वो ही MBBS की पढ़ाई शहर के डॉक्टर ने की है और वो ही MBBS की पढ़ाई पहाड़ के डॉक्टर ने की है, तो फर्क क्या है ? फर्क भरोसे का भी है। कई लोगों को लगता है कि शहरों में ही सबसे टैलेंटेड डॉक्टर्स होते हैं, लेकिन ये बात भी सच है कि पहाड़ में कुछ ऐसे डॉक्टर्स मौजूद हैं, जो नया इतिहास रच रहे हैं। उत्तरकाशी के सरकारी अस्पताल में एक बार फिर से ऐसी सर्जरी की गई है, जो शहर के डॉक्टर्स के लिए पहेली बन गई थी। एक महिला के पेट से दो किलो का ट्यूमर निकाला गया। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ऑपरेशन कर ये ट्यूमर निकाला गया।
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इस अस्पताल में कम संसाधन हैं। इसके बाद भी यहां के डॉक्टर कई मरीजों के पेट से ट्यूमर निकाल चुके हैं। खुशी की बात ये है कि ग्रामीणों को अब शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। डॉ अश्वनी चौबे की हर जगह तारीफ हो रही है। टिहरी के मुखमाल गांव से आई एक महिला के पेट में दो किलो का ट्यूमर था। इसके निकालने में दो घंटे की कड़ी मेहनत लगी। ऑपरेशन के बाद से महिला काफी स्वस्थ है। इसके अलावा डॉ. अश्वनी चौबे ने अशरफी देवी नाम की महिला के पेट से भी 2 किलो का ट्यूमर निकाला है। पहाड़ में वो हो रहा है जिसकी किसी को उम्मीद ना थी। इससे पहले जिला अस्पताल में सालंग गांव की एक महिला दर्द से तड़प रही थी। वो देहरादून और ना जाने किस किस शहर के बड़े बड़े डॉक्टर्स के पास इलाज के लिए पहुंची थी। कहीं भी उसका सफल इलाज नहीं हो पाया।
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इसके बाद उत्तरकाशी जिला अस्पताल में वो खुद को दिखाने आई। जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डा. अश्वनी चौबे ने महिला को भरोसा दिलाया। महिला के पेट से ढाई किलो का ट्यूमर निकाला गया। डॉक्टर्स की इस टीम ने साबित कर दिखाया कि शहरों की तरफ भागना बंद कीजिए क्योंकि पहाड़ों में भी वो डॉक्टर्स मौजूद हैं, जिन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया गया है। बस बात भरोसे की है, इस भरोसे के चलते आज उत्तरकाशी के डॉक्टर चौबे अलग ही पहचान कायम कर रहे हैं। डॉक्टर चौबे के लिए जनसेवा सबसे बड़ी सेवा है। वो अपना काम बेहद ही दिल लगाकर करते हैं और मरीजों को राहत पहुंचाते हैं। पहाड़ों में रहने वाले लोगों को अब भरोसा हो रहा है कि शहरों के बजाय पहाड़ों में भी बेहतरीन डॉक्टर्स मौजूद हैं।