पहाड़ की ये मिठास कोई भूल नहीं सकता, इसलिए पहाड़ी जिंदादिल हैं...वैज्ञानिकों की बड़ी रिसर्च
Feb 21 2018 4:08PM, Writer:कपिल
कहा जाता है कि प्रकृति ने मानव जाति को कुछ अनमोल खजाने दिए हैं। ये शरीर के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आज के दौर में जब तमाम लोग एलोपैथी दवाओं से तंग आ रहे हैं, तो दुनिया आयुर्वेद, नैचरोपैथी और होम्योपैथी की तरफ रुख कर रही है। अब उत्तराखंड में बहुतायत पाए जाने वाले एक फल पर बड़ी रिसर्च की जा रही है, अभी तक शायद पूरा देश इस बात से अंजान था। वैज्ञानिक जिस फल पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं, वो उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। इस फल का नाम है तिमला। पक्षियों द्वारा इस फल का सेवन जबरदस्त मात्रा में किया जाता है। इसके लिए उपयुक्त जलवायु पहाड़ों में ही होती है। जब इस फल के पकने का वक्त आता है, तो पहाड़ों में लोग इसे चाव से खाते हैं। एक आंकड़ा कहता है कि पहाड़ों में कैंसर के बेहद कम मरीज मिलते हैं।
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ऐसा इसलिए भी है क्योंकि लोग गाहे बगाहे इस फल का जिंदगी में एक बार सेवन जरूर कर लेते हैं। ये फल अच्छी तरह से पक जाए तो बेहद मीठा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इस फल को फिकस ऑरिकुलाटा कहा जाता है। खास तौर पर पहाड़ों में हर जगह आपको ये पेड़ मिलेगा। हाल ही में वन अनुसंधान संस्थान यानी FRI में केमिस्ट्री डिविजन में एक शोध किया गया है। इस रिसर्च में पता चला है कि तिमला में 4 तरह के फैटी एसिड होते हैं। सबसे पहला है वैसीसिनिक एसिड। इससे कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का इलाज संभव है। इसके अलाव इसमें ए(अल्फा) जैसा तत्व भी पाया जाता है, जो दिल के इलाज में कारगर साबित होता है। इसके अलावा इसमें एक और शानदार तत्व पाया जाता है। इस तत्व का नाम है लाइनोलेनिक एसिड। ये एसिड धमनियों मैं ब्लोकेज होने से रोकता है। इसके साथ ही इसमें चौथा तत्व है ऑलिक एसिड।
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ऑलिक एसिड की मदद से शरीर में लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन की मात्रा कम होती है। इससे शरीर की कई बीमारियों पल भर में दूर हो सकती हैं। 19वें राष्ट्रमंडल वानिकी सम्मेलन में तिमला को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया है। बताया गया है कि इस फल की मांग अब दवाई कंपनियों द्वारा की जा रही है। इससे दवा तैयार करने का खर्च भी होगा क्योंकि तिमला के पेड़ॉ पहाड़ों में काफी मात्रा में हैं। वैसे पहाड़ी इलाकों में इसका इस्तेमाल दवा के तौर पर भी किया जाता है। अब देखना है कि आगे क्या होता है। अगर ऐसा होता है तो मेडिकल साइंस के क्षेत्र में वैज्ञानिकों को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है। पहाड़ों में कई जगह इस फल को लोकगीतों में भी शामिल किया गया है। दरअसल स्थानीय लोगों को इस फल की महत्ता का पहले से ही पता है। अब बड़ी रिसर्च में बताया गया है कि इस फल से इंसान के शरीर में मौजूद कई बीमारियों को पल भर में खत्म किया जा सकता है।