देवभूमि का अमृत: कैंसर, कब्ज, अल्सर, बवासीर का अचूक इलाज है गेंठी (गींठी) की सब्जी
Mar 20 2018 5:17PM, Writer:कपिल
कुदरत ने उत्तराखंड को कुछ ऐसे अनमोल तोहफे दिए हैं, जिनमें अद्भुत गुणों की भरमार है। इस बीच हैरानी की बात तो ये भी है कि आधुनिकता की इस दौड़ में हम लगातार इन अनमोल संपदाओं को भूलते जा रहे हैं। आज हम आपको पहाड़ में उगने वाली ऐसी ही एक कुदरती सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं। जो आपके शरीर में मौजूद पेट की बीमारी को पल भर में दूर सकती है। पेट की बीमारी ...यानी कब्ज, बवासीर, दस्त और अल्सर। ये ऐसी बीमारियां हैं जो इंसान को काफी तकलीफ देती हैं। इस सब्जी का नामं है गेंठी (गींठी) की सब्जी। इस कंद की सब्जी भी कहा जाता है। अपने आप में ये कई कुदरती खूबियों को समेटे हुए है। बताया जाता है कि इस सब्जी को दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में भी उगाया जाता है। खास बात ये भी है कि चरक संहिता और सुश्रुवा संहिता में गेंठी (गींठी) का स्थान दिव्य अट्ठारह पौधों में दिया गया है।
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वरिष्ठ लेखक भीष्म कुकरेती के मुताबिक चरक संहिता और सुश्रुवा संहिता में भी इस सब्जी के औषधीय उपयोग के बारे में बताया गया है। उत्तराखंड के के पहाड़ी क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल 3000 ईसा पूर्व से बताया जाता है। ये सब्जी लता पर उगती है। खाने में इसका टेस्ट गजब का होता है। यूं तो आमतौर पर ये सब्जी जंगलों में होती है। लेकिन कम कडुआ गेंठी (गींठी)को कुछ जगहों में घरों में भी उगाया जाता है। इसका इस्तेमाल च्यवनप्राश में भी किया जाता है। पोषक तत्वों और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ये सब्जी कैंसर जैसी बीमारियों का भी इलाज है। जी हां वैज्ञानिक शोध कहता है कि एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर फल या सब्जियां खाने से कैंसर का काफी हद तक बचाव भी किया जा सकता है। इसके अलावा इस सब्जी में आपको फाइबर जबरदस्त मात्रा में मिलेगा। इस वजह से अल्सर , बबासीर , दस्त और पेट की बीमारियों के लिए ये सब्जी अचूक इलाज है।
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इस सब्जी को तैयार करने से पहले अच्छी तरह उबाला जाता है। इसके अलावा आपको इस सब्जी में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, विटामिन बी-12, प्रोटीन, कैल्शियम जैसे तत्व भी मिलेंगे। ये सारे पोषक तत्व शरीर के लिए बेहद ही फायदेमंद कहे जाते हैं। आलू प्रजाति के गेंठी (गींठी)को पोटेटो याम के नाम से जाना जाता है। इसे कई बीमारियों में कारगर माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘डायोसकोरिया’ और बाटनिक नाम ‘वलवीफेरा’ है। इसके अलावा इस सब्जी में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो पेट के लिए बेहद ही फायदेमंद कहा जाता है। बवासीर के रोगियों के लिए ये सब्जी किसी वरदान से कम नहीं है। डॉक्टर्स भी कहते हैं बवासीर या फिर दस्त की बीमारी के दौरान ऐसे फल या सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जिनमें फाइबर की प्रचुर मात्रा हो। इसके लिए गेंठी (गींठी)एकदम सही विकल्प कहा जा सकता है। हैरानी की बात ये है कि आधुनिकता की दौड़ में हर कोई प्रकृति के इस अनमोल खजाने से दूर हो रहा है।