image: Uttarakhand village boy sandeep rawat become lieutenant

उत्तराखंड का सपूत...पिता से सीखी देशभक्ति, अब सेना में ऑफिसर बनकर दिखाया

Mar 21 2018 8:12PM, Writer:कपिल

भारतीय सेना ने बार बार अपने पराक्रम से दुश्मनों को सिर झुकाने के लिए मजबूर किया है। उत्तराखंड के युवा आज सेना में भर्ती होकर साबित कर रहे हैं कि देशप्रेम का जज्बा उनमें कूट-कूटकर भरा है। एक बात भी सच है कि आज के दौर में उत्तराखंड के गांवों से ज्यादा युवा देश की सेना में शामिल होने के लिए आगे आ रहे हैं। ऐेसे ही पहाड़ के एक युवा ने लेफ्टिनेंट बनकर इस बात को साबित किया है। उत्तरकाशी के धारी वल्ली गांव में जश्न का माहौल है। इस गांव के सपूत संदीप रावत ने अब देवभूमि का मान और सम्मान बढ़ाया है। बचपन से ही देश की सेना में शामिल होने का जुनून अपने दिल में पाले संदीप रावत ने भी अपनी जिंदगी में तमाम परेशानियों को झेला, लेकिन लक्ष्य पर निशाना साधे रखा। हाल ही में चेन्नई में पासिंग आउट परेड हुई। जिसमें संदीप रावत ने भी अंतिम पग रखकर सेना के दो मेडल अपने कंधे पर सजा लिए।

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संदीप के पिता का नाम जयवीर रावत है, जो कि एसएसबी में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। संदीप की मां का नाम शांति देवी है। 23 साल के इस युवा ने देश की सेना में शामिल होकर शौर्य का परिचय दिया है। उनकी प्राथमिक शिक्षा बाल विद्या मंदिर नौगांव से हुई। इसके बाद उन्होंने सरस्वती इंटर कालेज मुंगरा से हाईस्कूल पूरी की। हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद संदीप ने विकासनगर से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इंटरमीडिएट करने के बाद संदीप ने चंडीगढ़ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इस बीच वो लगातार भारतीय सेना में ऑफिसर बनने के लिए तैयारी करते रहे। सीडीएस परीक्षा में सफल होकर उन्होंने इसमें सफलता हासिल की। बीती दस मार्च को चेन्नई में पासिंग आउट परेड हुई, तो संदीप के कंधे पर दो स्टार सज गए। संदीप के माता-पिता के लिए इससे बड़ी खुशी का पल क्या हो सकता है ?

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लेफ्टिनेंट संदीप रावत को पहली तैनाती पंजाब में मिली है। संदीप बताते हैं कि वो बचपन से सेना में भर्ती होना चाहते थे। बचपन से ही उनके दिल में देशप्रेम का जुनून उफान मार रहा था। सिर्फ 23 साल की उम्र में इस लाल ने लेफ्टिनेंट बनकर दिखाया। संदीप ने अपने पिता जयवीर सिंह एसएसबी में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर हैं ताऊजी मेजर डॉ. बचन सिंह रावत हैं। अपने पिता और ताऊजी से प्रेरणा लेकर उन्होंने सेना में जाने का निर्णय लिया था | संदीप की इस महान सफलता के बाद पिता जयवीर सिंह और माँ शांति देवी का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। एक आंकड़ा कहता है कि देश में अगर किसी राज्य से सबसे ज्यादा युवा भारतीय सेना को मिल रहे हैं, तो वो उत्तराखंड है। उत्तराखंड के युवाओं के जज्बे को देश अच्छी तरह से जानता है। संदीप रावत की इस उपलब्धि पर उनको हार्दिक शुभकामनाएं।


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