image: kilmoda is perfect medicine for diabetes

उत्तराखंड का किलमोड़ा अमृत से कम नहीं, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने लगाई मुहर !

Mar 26 2018 5:13PM, Writer:आदिशा

कुछ वक्त पहले हमने आपको एक शानदार जड़ी के बारे में बताया था। उस वक्त हमने आपको बताया था कि इसके क्या क्या फायदे हैं। जी हां इस औषधि का नाम है किलमोड़ा। ये अब डायबिटीज का पक्का इलाज बनने जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इस पर सफल प्रयोग किया है और खास बात ये है कि अमेरिका से इसका पेटेंट भी हासिल कर दिया है। ये साफ हो गया है कि उत्तराखंड के पहाड़ों में उगने वाले किलमोड़े से अब एंटी डायबिटिक दवाएं तैयार होंगी। दरअसल कुमाऊं यूनिवर्सिटी के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग ने इस दवा का सफल प्रयोग किया था। इसके बाद अमेरिका के इंटरनेशनल पेटेंट सेंटर से इसका पेटेंट भी हासिल कर लिया गया है। खास बात ये है कि यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद से ये पहला पेटेंट है। यूनिवर्सिटी को ये पहली सफलता मिली है। बताया जा रहा है कि ये स्टडी 2011-12 में शुरू हुई।

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प्रोफेसर वीना पाण्डे, प्रोफेसर जीपी दूबे और डॉक्टर लालजी सिंहने इस पर शोध शुरू किया था। नैनीताल के अयारपाटा से इसके सैंपल लिए गए। इसके बाद चूहों पर इसका प्रयोग किया और ये प्रयोग सफल रहा है। इसके बाद इंसान को भी इससे बनी एंटी डायबिटीज दवा दी गई। ये दवा भी कारगर साबित हुई। इसके बाद इसके पेटेंट की प्रोसेस शुरू की गई थी। अमेरिका के इंटरनेशनल पेटेंट सेंटर द्वारा इस दवा का पेटेंट दे दिया गया है। किलमोड़ा के पौधे कंटीली झाड़ियों वाले होते हैं और एक खास मौसम में इस पर बैंगनी फल आते हैं। पहाड़ के क्षेत्रों में बच्चे इसे बड़े चाव से खाते हैं। आम तौर पर ये पेड़ उपेक्षा का ही शिकार रहा है। इस पेड़ से दुनियाभर में जीवन रक्षक दवाएं तैयार हो रही हैं। किलमोड़ा की झाड़ियों से तैयार हुए तेल का इस्तेमाल कई तरह की दवाएं बनाने में किया जाने लगा है। इसकी जड़, तना, पत्ती, फूल और फल हर एक चीज बेहद काम की है।

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इस पौधे में एंटी डायबिटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी ट्यूमर, एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। डाय बिटीज के इलाज में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा खास बात ये है कि किलमोड़ा के फल और पत्तियां एंटी ऑक्सिडेंट कही जाती हैं। एंटी ऑक्सीडेंट यानी कैंसर की मारक दवा। किलमोडा के फलों के रस और पत्तियों के रस का इस्तेमाल कैंसर की दवाएं तैयार करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों और पर्यवरण प्रेमियों ने इसके खत्म होते अस्तित्व को लेकर चिंता जताई है। किलमोड़े के तेल से जो दवाएं तैयार हो रही हैं, उनका इस्तेमाल शुगर, बीपी, वजन कम करने, अवसाद, दिल की बीमारियों की रोक-थाम करने में किया जा रहा है। सदियों से उपेक्षा का शिकार हो रहा ये पौधा बड़े कमाल का है। इसलिए लोगों को इसकी उत्पादकता को बढ़ाए रखने पर विचार करना चाहिए।


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