पहाड़ में कौन मां इतनी निर्दयी होगी, जो 7 दिन की नवजात बच्ची को इस हाल में छो़ड़ गई
Mar 29 2018 9:17PM, Writer:आदिशा
ऐसी घटनाएं मानवता और इंसानियत पर सवाल उठाने के लिए काफी हैं। आखिर दुनिया में कौन ऐसी निर्दयी मां होगी, जिसने एक नवजात बच्ची को मकान के पीछे फेंक दिया। वो तो भला हो उन लोगों को जिन्होंने इस नवजात को उठाया और अस्पताल तक ले गए। पिथौरागढ़ से सटे धारचूला के बलुवाकोट की ये कहानी सुनकर आपका भी दिल पसीज जाएगा। बेटियां हर इंसान के जीवन चक्र की धुरी हैं। लेकिन कुछ निर्दयी ऐसे होते हैं, जिनके लिए बेटियां आज भी अभिशाप हैं। बलुवाकोट में एक नवजात को फेंकने की शर्मनाक घटना सामने आई तो हर कोई हैरान रह गया। ये बच्ची छह से सात दिन की बताई जा रही है। ये बच्ची बाजार में एक मकान के पीछे ऐसी हालत में पड़ी मिली कि हर किसी का दिल पसीज गया। बृहस्पतिवार की सुबह 6 बजे बलुवाकोट बाजार से सटे रिहायशी इलाके में लोगों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी।
यह भी पढें - देहरादून: लावारिस मिले दो दुधमुंहे बच्चे, मां बोली... ‘पति घर नहीं आता इसलिए किया ऐसा’
सबसे पहले जीवन सिंह सोनाल नाम के शख्स ने बच्ची को देखा। ये नवजात उनके मकान के पीछे लावारिस हालत में पड़ी थी। इस बच्ची को कंबल में लपेटा गया था। उन्होंने इस बात की सूचना लोगों को दी तो वहां भीड़ जुट गई। आसपास के लोगों ने भी बताया कि उन्होंने देर रात दो बजे बच्ची के रोने की आवाज सुनी थी। हैरानी की बात है कि ये नवजात 4 घंटे तक खुले में लावारिस हालत में पड़ी रही। मुस्कान सामाजिक उत्थान समिति, परिवर्तन समिति समेत, अर्पण संस्था और कई संस्थाओं के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे। इस बीच पुलिस ने नवजात को कब्जे में ले लिया। इसके बाद बच्ची को धारचूला सीएचसी में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में लोगों पूछताछ की है। इसके अलावा पुलिस अब सभी अस्पतालों में प्रसव का ब्योरा खंगाल रही है। अब पता लगाया जा रहा है कि बीते एक हफ्ते में अस्पतालों में कितने प्रसव हुए हैं।
यह भी पढें - उत्तराखंड में छात्रा से दुष्कर्म के बाद दरिंदगी...हैवानों ने लाठी से पीटा, फिर चौथी मंजिल से फेंका
अस्पतालों में बच्चियां किस हाल में है। इसके लिए पुलिस टीम गठित की गई है। पुलिस की ये टीम गर्भवती महिलाओं का ब्योरा जुटा रही है। सीओ विमल आचार्य का कहना है कि पुलिस घटना की छानबीन में जुटी है। बलुवाकोट में मिली नवजात करीब सात दिन की है। जन्म के बाद एक बच्ची को इस तरह फेंके जाने के बाद समाज की ये मानसिकता सामने आई है। पिथौरागढ़ अब तक कम लिंगानुपात वाले देशभर के दस जिलों में शामिल था। थानाध्यक्ष महेश चंद्र ने बताया कि चिकित्सीय परीक्षण के बाद बच्ची को वरदान संस्था को सौंप दिया गया है। वरदान संस्था की सुमन वर्मा को इस बच्ची को सौंपा गया है। नवजात को पिथौरागढ़ स्थित घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी में लाया गया है। एक नवजात बच्ची का इस तरह से घर के पीछे मिलना वाकई शर्मनाक है।