वाह उत्तराखंड पुलिस ! न केवल बेहोश का इलाज करवाया बल्कि लुटने से भी बचाया
Apr 17 2018 7:56PM, Writer:शैलेश
उत्तराखंड पुलिस ने बार बार अपने कामों से ये तो साबित किया है कि ईमानदारी के मामले में इनका कोई जवाब नहीं। ईमानदारी से मेहनत करना और उसके बाद पैसा कमाना, एक सच्चा इंसान ही इस बात को समझ सकता है। एक बार फिर ऋषिकेश पुलिस ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। पुलिस ने साईं घाट में बेहोश पड़े एक शख्स को न सिर्फ अस्पताल में भर्ती कराया बल्कि उसको उसकी दो लाख की रकम भी सौंपी। पुलिस ने बेहोश पड़े एक शख्स को अस्पताल में भर्ती कराने के साथ ही उसके पास से मिली दो लाख की रकम को भी संभालकर रखा और होश आने पर उसके सुपुर्द कर दिया। अभी कुछ दिनों पहले ही राज्य समीक्षा ने आपको बताया था कि किस तरह ऋषिकेश पुलिस ने 400 डॉलर्स से भरा हुआ पर्स सकुशल सही व्यक्ति तक पंहुचाया था।
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हुआ कुछ यूँ कि ऋषिकेश कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि साईं घाट पर एक व्यक्ति बेहोशी की हालत में पड़ा है और उसके शरीर में कोई भी हरकत नहीं हो रही है। सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए, दो आरक्षीयों को बिना देर किया मौके पर भेजा। मौके पर पंहुच कर आरक्षियों ने देखा कि एक व्यक्ति साईं घाट पर ही सड़क से थोड़ी दूरी पर बेहोश पड़ा है और उसके पास एक बैग भी है। दोनों आरक्षियों ने बेहोश पड़े व्यक्ति को नजदीक के ही राजकीय चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया। उसके पास मिले बैग की तलाशी लेने पर आरक्षियों को इसमें दो लाख रुपये मिले। आरक्षियों को पता लगा कि बेहोश व्यक्ति नेपाली मूल का है और उसके पास कोई किसी भी प्रकार की आइडी नहीं मिली। जब शख्स को होश आया तो उसने अपना नाम कमल बहादुर पुत्र पदम बहादुर निवासी खाती गांव जिला तेली भेरी आंचल नेपाल हाल चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी बताया। उसने ये भी बताया कि दो लाख रुपए वो ठेकेदार से लेकर मजदूरों को देने जा रहा था।
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कमल बहादुर को जब होश आया और पूरी कहानी पता लगी तो, उनकी आँखों में ख़ुशी के आंसू थे। उत्तराखंड पुलिस ने उनके दो लाख रुपये बचा दिए थे। फिलहाल, कमल बहादुर के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। उत्तराखंड पुलिस के जवानों के बारे में तो आप आए दिन सुनते रहते होंगे। कामयाबी के किस्से, ईमानदारी के किस्से और फर्ज के किस्सों से आप अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। उत्तराखंड पुलिस ने बार बार अपने कामों से ये तो साबित किया है कि ईमानदारी के मामले में इनका कोई जवाब नहीं। ईमानदारी से मेहनत करना और उसके बाद पैसा कमाना, एक सच्चा इंसान ही इस बात को समझ सकता है। एक बार फिर ऋषिकेश पुलिस ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है।