image: Uttarakhand topper divyanshi success story

उत्तराखंड की टॉपर दिव्यांशी, रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल चलाकर पढ़ने जाती थी

May 26 2018 4:00PM, Writer:कपिल

कौन कहता है कि आसमान पर सुराख नहीं होता, हम कहते हैं कि बेटियां ही ये काम कर सकती हैं। आज मिलिए उत्तराखंड की टॉप दिव्यांशी से। इंटरमीडिएट में एस बेटी ने टॉप किया और सफलता की एक ऐतिहासिक कहानी लिख डाली। इस बेटी के हौसले को सलाम है, जो रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल से चलकर पढ़ने जाती थी। उधमसिंह नगर की इस बेटी ने गजब की जीवटता दिखाई है तब जाकर 98.4 फीसदी अंक लेकर पूरे उत्तराखंड में टॉप किया है। क्या आप जानते हैं कि दिव्यांशी कता सपना क्या है ? दिव्यांशी अब आईएएस अफसर बनना चाहती है और देश, समाज की सेवा करना चाहती है। कहते हैं अगर आपको किसी बात पर भरोसा है, तो जीत निश्चित है। दिव्यांशी कहती हैं कि अगर सफलता पानी है, तो सबसे पहले खुद पर भरोसा कीजिए। तभी रास्ता आसान होगा।

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अच्छे नंबरों की उम्मीद दिव्याशी को पहले से ही थी। दिव्यांशी के पिता सुरेंद्र कुमार चीनी की मिल में लिपिक हैं और मां सरिता गृहणी हैं। खुले मन से पढ़ाई की है इस बेटी ने। रोजाना 6 घंटे पढ़ाई के लिए निकाले। पढ़ाई का जुनून इतना था कि इस बेटी ने घर में टीवी तक नहीं लगाया, फेसबुक और व्हॉट्ऐप की दुनिया से दिव्याशीं से दूरी बनाए रखी। अपने गांव से स्कूल और कोचिंग तक जाने के लिए दिव्यांशी के पास साइकिल है। रोदाना 24 किलोमीटर साइकिल चलाकर वो पढ़ने जाती थी। गांव में लाइट नहीं रहती थी तो बैटरी से ये बेटी पढ़ाई करती थी। ये ही तो सफलता का मूलमंत्र है। किसी चीज को अगर आप दिल से चाहो, तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है। तभी तो दिव्यांशी आज उत्तराखंड की टॉपर हैं। शुभकामनाएं...अनंत शुभकामनाएं निकलती हैं दिल से इस बेटी के लिए।


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