उत्तराखंड टॉपर को दो दिन बाद पता चला अपना रिजल्ट...वो मजदूरी करने गया था
May 30 2018 10:08AM, Writer:आदिशा
हैरानी होती है और खबर को पढ़ते हुए सुख और दुख दोनों की अनुभूति होती है। सुख इस बात का कि एक गरीब घर का बेटा इतना होनहार है कि पूरे उत्तराखंड में मेरिट लिस्ट में 11वां स्थान हासिल किया। दुख इस बात का है कि 12वीं के बाद क्या करना है और कैसे करना है ? इस सवाल का जवाब अभी ये बच्चा नहीं जानता। दरअसल ये बच्चा इतने गरीब घर का है कि आगे की पढ़ाई के रास्ते में आर्थिकी का संकट है। हम बात कर रहे हैं सचिन की। सचिन पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। जिस दिन रिजल्ट आया था, उस दिन सचिन मजदूरी करने के लिए दूर बर्फबारी में कई सौ किलोमीटर आगे गया हुआ था। जब सचिन 2 दिन बाद घर लौटा, तो उसे अपने रिजल्ट का पता चला। सचिन ने उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 11वां स्थान प्राप्त किया है। सचिन के माता-पिता पिथौरागढ़ से कई किलोमीटर की ऊंचाई पर प्राकृतिक जड़ी-बूटी ढूंढने का काम करते हैं।
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जिस दिन रिजल्ट आया था, उस दिन भी सचिन कई किलोमीटर दूर जड़ी-बूटी की तलाश में गए हुए थे। 12वीं की परीक्षा में सचिन ने 94.89 प्रतिशत नंबर प्राप्त किये हैं। पिथौरागढ़ के गोरी पार गांव के रहने वाले हैं सचिन। सचिन के गांव में आजादी के बाद पहली पार कुछ दिन पहले ही सड़क पहुंच पाई है। बर्फबारी के दौरान ये गांव सभी मुख्यालयों से कट जाता है।ऐसी परिस्थियों में सचिन ने अपनी पढ़ाई पूरी की है। अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी भी करनी पड़ी। सचिन बताते हैं कि अपनी जिंदगी में अब तक उन्होंने हर परेशानी का सामना किया है लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ कभी भी समझौता नहीं किया। विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के छात्र सचिन बेहद ही प्रतिभाशाली हैं। अब सचिन को आगे की पढ़ाई करनी है। इसके लिए उन्हें अपना गांव छोड़कर आगे बढ़ना होगा। लेकिन गरीबी और शिक्षा के बीच इस गहरी खाई को पाटना भी उतना ही मुश्किल है।