वाह उत्तराखंड...हर धर्म के लिए देवदूत बने रोशन रतूडी़, विदेश में पेश की एकता की मिसाल
Jun 16 2018 1:36AM, Writer:कपिल
क्या फर्क पड़ता है, कोई मर रहा है या जी रहा है ? किसे परवाह है भाई ? क्यों फालतू में किसी के फट्टे में टांग अड़ानी, अरे यार पचास काम पहले ही हैं और ऊपर से ये आदमी मदद मांगने आ गया। ऐसा ही तो होता है, जब आप तथाकथित बिज़ी रहते हैं। जिंदगी जीने का फलसफा हर किसी का अलग है। हर कोई अपने हिसाब से जीना चाहता है। ना मां का आंचल चाहिए ना बाप का आशीर्वाद...भैया दुनिया के बाप हम हैं। ऐसी सोच भी रखते हैं आज के युवा। कभी आपने किसी अनाथ से पूछा है कि बिना मां-बाप के रहना और जीना क्या होता है ? नहीं ना ? चलिए कुछ मत कीजिए अगर आप उत्तराखंड से हैं, तो रोशन रतूड़ी से ही पूछ लीजिए। उस बिन मां-बाप के बेटे के दिमाग में ना जाने कैसा फितूर सवार है ? हर बार किसी की भी मदद करने पहुंचा जाता है। ना जान की फिक्र है, ना जमाने की परवाह...कैसा जीवट है भाई ये ?
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14 जून को फेसबुक पर रोशन रतूड़ी की एक पोस्ट दिखी। जिसमे लिखा था कि ‘‘प्रिय दोस्तों कल मेरे पास कुछ और भारतीय भाई अपनी समस्याऔ को लेकर आये ये इसमें सभी धर्म के लोग है और सब उतर प्रदेश राज्य के रहने वाले है मेरी कोशिस रहेगी की इन सबको सकुशल इनके परिवार के पास भेज सकूं’’। उसके अगले ही दिन क्या हुआ, जानते हैं आप ? रोशन रतूड़ी की एक और पोस्ट दिखी। जिसमें लिखा था ‘‘ये सब भाई कल तक विदेशी धरती सऊदी अरब मे बहुत परेशानी मे थे। ये सब अब अपने परिवार के साथ में हैं’’। सिर्फ 24 घंटे में सब कुछ बदल गया। कोई अपने परिवार से मिल गया, कोई अपनी मां के आंसू पोंछने गया, कोई अपनी मासूम सी चिड़िया से मिलने चला गया तो कोई अपने कलेजे के टुकड़े को देखकर ही खुश था और किसी के लिए ईद का त्योहार आ गया।
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ना जाने ऐसी कितनी खुशियों का समंदर रोशन रतूड़ी लोगों को दे चुके हैं। बदले में रोशन रतूड़ी को क्या चाहिए, कुछ भी नहीं। एक बार फिर से सवाल वो ही है कि आखिर क्या भूत सवार है इस नौजवान को ? विदेश में रहकर अपना काम करे, पैसे कमाए, अच्छी जिंदगी जिए। क्यों फालतू में लोगों के केस में हाथ पैर मार रहा है ? वजह सिर्फ एक है और वो आप अच्छी तरह से जानते हैं। सिर्फ और सिर्फ इंसानियत। उत्तराखंड के हिंडोलाखाल का लड़का आज तक इतने लोगों को अकेले दम पर बचा चुका, जितना वास्तव में विदेश मंत्रालय नहीं कर पाया। तो फिर डर किस बात का ? चलो आगे बढ़ो रोशन। रास्ते में दो चार लोग मिलेंगे। तीन छोड़कर चले जाएंगे लेकिन एक तो साथ रहेगा। उस एक शख्स को ही अपनी जिंदगी का पाठ पढ़ाना। देखिए वो वीडियो जब इन लोगों ने रोशन रतूड़ी से गुहार लगाई थी।