उत्तराखंड में ITBP के जवानों ने ढूंढ निकाली महादेव गुफा, यहां मौजूद हैं असंख्य शिवलिंग
Jun 29 2018 12:16PM, Writer:कपिल
यूं तो उत्तराखंड कई रहस्यों की धरती है। लेकिन इस बार जिस रहस्य का खुलासा हुआ है, वो 13 हजार फीट की ऊंचाई पर ITBP जवानों के द्वारा हुआ है। पिथौरागढ़ के सीपू गांव में ITBP के जवानों ने एक प्राचीन गुफा को ढूंढ निकाला है। दरअसल ग्रामीणों ने ही ITBP के जवानों को जानकारी दी थी कि गांव के ऊपर एक गुफा है। इसके बाद ITBP जवान यहां आए और इस गुफा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान खुद ITBP के जवान हैरान रह गए। इस गुफा की चौड़ाई करीब 16 फीट बताई जा रही है। इसके अलावा इस गुफा की लंबाई करीब 5 किलोमीटर बताई जा रही है। इस गुफा के भीतर असंख्य शिवलिंग बने हैं। गुफा के अंदर और बाहर काफी आकर्षक चट्टानें हैं। ITBP जवानों के मुताबिक वो करीब 2 किलोमीटर तक इस गुफा के अंदर गए थे।
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ITBP के जवानों का कहना है कि ये गुफा बेहद ही चौड़ी है और इसमें एक साथ करीब 4 वाहन प्रवेश कर सकते हैं। जवानों के मुताबिक इस गुफा में की शिवलिंग भी बने हैं। गुफा के भीतर ऊपर से प्रकृतिक तरीके से पानी टपकता रहता है। दरअसल सीपू गांव के लोगों की मांग है कि इस गुफा को अब धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए। सीपू गांव के लोगों का कहना है कि इस गुफआ में भगवान शिव ने काफी वक्त तक तपस्या की थी। उनका कहना है कि भगवान शिव इसी गुफा के पत्थर पर बैठे थे और आज भी यहां उनके पैरों के निशान मौजूद हैं। शिव के यहां आने की मान्यता होने की वजह से इस गुफा का नाम ही महादेव गुफा रखा गया है। अब जरा ये भी जान लीजिए कि आखिर ITBP के जवान इस गुफा के पास क्यों पहुंचे।
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बताया जा रहा है कि बीते दिनों भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के DIG एपीएस निंबाडिया ने सीपू गांव का दौरा किया था। इस दौरान गांव वालों ने उन्हें गांव के ऊपर एक प्राकृतिक गुफा होने की जानकारी दी थी। इससे एपीएस निंबाडिया इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने जवानों को महादेव गुफा के नाम से जानी जाने वाली इस गुफा के निरीक्षण के निर्देश दिए। ग्रामीणों का कहना है कि वो इस गुफा में पूजा अर्चना करते थे लेकिन बाद में चढ़ाई और पानी की व्यवस्था ना होने की वजह से महादेव की मूर्ति गांव में ही स्थापित की गई। जब गांव में बड़ी पूजा होती है तो मंदिर में बनने वाला प्रसाद इस गुफा तक पहुंचाया जाता है। 5 किलोमीटर लंबी इस गुफा में ITBP के जवान सिर्फ दो किलोमीटर तक ही चल पाए हैं। माना जा रहा है कि इसमें अभी और भी बड़े राज़ों का पर्दाफाश हो सकता है।