image: 31 SDRF teams deployed in Uttarakhand to deal with disaster

आपदा से निपटने को पहाड़ में तैनात हुई SDRF की 31 टीमें, 15 सितम्बर तक छुट्टियां कैंसल

Jul 3 2018 5:53PM, Writer:कपिल

उत्तराखंड में मानसून की पहली बारिश ने ही लोगों की सुरक्षा के प्रश्न पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड प्रशासन अतिवृष्टि से लड़ने को अलर्ट हो गया है। उत्तराखंड सचिवालय के मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता आयोजित की गयी है जिसमें सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में भारी बारिश को देखते हुए शासन प्रशासन अलर्ट है। नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव सहित विभिन्न स्तरों पर लगातार समीक्षाएं करते हुए सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं और प्रदेश में विभिन्न मार्गों पर भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए आवश्यक संख्या में जेसीबी, पाॅकलैंड मशीनें मेनपावर सहित तैनात कर दी गई हैं ताकि कहीं भी मार्ग बाधित होने पर तुरंत खोला जा सके। अमित नेगी ने बताया कि सभी जेई, एई और इन जेसीबी मशीनों के ड्राईवरों के मोबाईल नम्बर जिला आपदा प्रबंधन केंद्रों व संबंधित तहसीलों में उपलब्ध करवाए गए हैं।

आपदा प्रबंधन सचिव के मुताबिक बारिश को देखते हुए फील्ड कर्मचारियों की 15 सितम्बर तक छुट्टियों पर रोक है और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट पर रखा गया है। सेना, आईटीबीपी, बीआरओ व अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाया गया है। इसके साथ ही राजमार्गों पर जहां क्रानिक लैंडस्लाईड जोन चिन्हित किए गए हैं, वहां वैकल्पिक ट्रेक रूट भी बनाए गए हैं। दोनों तरफ वाहनों की व्यवस्था करते हुए ट्रांसशिपमेंट की भी तैयारी है। चारधाम यात्रा मार्ग पर शेल्टर पाॅइन्ट चिन्हित हैं जहां आवश्यक होने पर यात्रियों को सुरक्षित रोका जा सके। तहसील स्तर तक आपदा राहत हेतु आवश्यक उपकरण आवश्यक संख्या में उपलब्ध हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने वाले सभी यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हमारी कोशिश है कि किसी भी परिस्थिति में सूचना व संचार तंत्र बरकरार रहे।

सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि उत्तराखंड उन राज्यों में है, जहां आपदा प्रबंधन के लिए सर्वाधिक संख्या में सैटेलाईट फोन उपयोग किए जा रहे हैं। हमारे पास इस समय 74 सैटेलाईट फोन है, जो कि जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराए गए हैं। दो हेलीकाप्टर की व्यवस्था की जा रही है। इनमें से एक हेलीकाप्टर गढ़वाल के लिए व 1 हेलीकाप्टर कुमायूं के लिए होगा। सभी दूरस्थ क्षेत्रों में तीन माह के लिए आवश्यक राशन व अन्य सामग्री का प्र्याप्त स्टाॅक मौजूद है। राज्य में 31 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें पहले ही तैनात की जा चुकी हैं। दूरस्थ चैकियों में तैनात लगभग 7500 पुलिसकर्मियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वालन्टियर्स को भी सक्रिय किया जा चुका है।


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