image: Hearing in supreme court over uttarakhand cricket

उत्तराखंड क्रिकेट की किस्मत का फैसला आज, सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Jul 5 2018 10:17AM, Writer:कपिल

उत्तराखंड क्रिकेट में सब कुछ तो हो गया, लेकिन एक सबसे बड़ी टेंशन अभी बरकरार है। इसे लेकर क्रिकेट प्रशासकों से लेकर BCCI की भी हार्ट बीट बढ़ी हुई है। अब सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा कि उत्तराखंड की रणजी टीम तैयार होगी या नहीं। दोपहर दो बजे से सुप्रीम कोर्ट में इस बात को लेकर सुनवाई होनी है। दरअसल क्रिकेट प्रशासक समिति यानी COA चाहती है कि उत्तराखंड की रणजी टीम बने और अलग अलग सीरीज में अत्तराखंड को मौका मिले। लेकिन बीसीसीआई इसके खिलाफ है। धीरे -धीरे विवाद बढ़ता गया तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा तीन जजों की टीम इस मामले की सुनवाई करगी। 18 साल से ये पहाड़ी राज्य बीसीसीआई की मान्यता के लिए लड़ रहा है। इसके पीछे कुछ वजहें भी हैं।

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कुछ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसमें खुद उत्तराखंड के प्रशासकों की भी गलती है। दरअसल उत्तराखंड में कोई एक संघ काम नहीं कर रहा। इस छोटे से राज्य में क्रिकेट के लिए अलग अलग संघ बनाए गए हैं। उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, युनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन जैसे संघ अपने अपने तरीके से काम कर रहे हैं। ऐसे में एकता तो दूर दूर तक नज़र नहीं आती। इसलिए बीसीसीआई हर बार इन सभी को एक होने की सीख देखकर बैरंग लौटा देता है। आखिरकार जब सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर विनोद राय की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। तो इस दिशा में पहल करते हुए पिछले दिनों चारों क्रिकेट एसोसिएशनों के कर्ताधर्ताओं की सहमति ली गई। इसके बाद नौ सदस्यीय क्रिकेट कांसेंसस कमेटी बनाने की बात कही।

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बीसीसीआई की क्रिकेट डेवलपिंग कमेटी के चेयरमैन रत्नाकर शेट्टी को इस कांसेसस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इस बीच 22 जून को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना की अगुवाई में एक बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से उत्तराखंड को रणजी मैच खेलने की मंजूरी देने से इनकार किया गया था। बोर्ड के एक पदाधिकारी ने साफ तौर पर कहा कि उत्तराखंड को रणजी में खेलने की इजाजत कैसे दें? वहां कोई एक संघ काम नहीं कर रहा है। संघों के बीच ही आपसी समन्वय नहीं है। अब सवाल ये है कि जब एक छोटे से राज्य में ही क्रिकेट को लेकर 4 संघ बनाए गए हैं, तो वहां कैसे एक बेहतर टीम की कल्पना की जा सकती है ? अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। देखना ये है कि आगे क्या होता है।


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