पहाड़ के युवा की वेस्टइंडीज में मौत ? रोशन रतूड़ी ने सुषमा स्वराज से की इंसाफ की मांग
Jul 31 2018 10:46AM, Writer:कपिल
उत्तराखंड के युवाओं के साथ ये क्या हो रहा है? विदेशों में नौकरी करने के लिए पहाड़ के युवा अपना घर-परिवार छोड़कर जाते हैं और उन्हें विदेशों में किस तरह से जिंदगी गुजारनी पड़ती है, ये कोई नहीं जानता। त्रिलोक सिंह रमोला…टिहरी गढ़वाल के घनसाली के रहने वाले इस युवा ने आखिरी बार अपने परिवार से 5 जून 2011 को सुबह 9 बजे बात की थी। उस वक्त से इनका कोई अता-पता नहीं है। बीते आठ सालों से अब तक वो वतन नहीं लौट पाए। घर में आठ साल का बच्चा और पत्नी उनका इंतज़ार कर रहे हैं। आंखों में आंसू हैं लेकिन दिल में उम्मीद की लौ जगी है कि त्रिलोक कभी अपने गांव वापस आएंगे। दुबई में रहने वाले समाजसेवी रोशन रतूड़ी को जब इस बारे में पता चला, तो वो खुद हैरान रह गए। जांच की तो पता चला है कि कंपनी ने त्रिलोक सिंह रमोला को मृत घोषित कर दिया है।
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रोशन रतूड़ी ने बताया कि त्रिलोक सिंह रमोला के पासपोर्ट पर कंपनी ने लिखा है कि (This passport has been cancelled due to Death of the Holder) ये पासपोर्ट कैंसिल किया जाता है क्योंकि पासपोर्ट होल्डर की मौत हो गई है। ये क्या नया तमाशा है ? ना ही कोई जानकारी और ना ही कुछ पता, फिर कैसे पहाड़ के युवा को मरा हुआ घोषित कर दिया? जब किसी भारतीय नागरिक की विदेश में मौत हो जाती है, तो सबसे पहले भारतीय दूतावास को सूचित किया जाता है। उसके बाद पासपोर्ट के चारों कोने काटकर पासपोर्ट रद्द किया जाता है। लेकिन यहां तो कंपनी ने ही सारे नियम कानूनों को ताक पर रख दिया और त्रिलोक सिंह रमोला को मृत घोषित कर दिया। परिवार वालों का विश्वास है कि त्रिलोक सिंह अभी ज़िंदा है। ऐसे में रोशन रतूड़ी ने एक मुहिम छेड़ दी है।
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रोशन रतूड़ी ने भारत की विदेश मंत्री और विदेश मंत्रालय से अपील की है कि ‘ विदेश मंत्रालय पासपोर्ट के नंबर के माध्यम से इस केस के गम्भीरता से जांच करे। जिससे सच सामने आ सके’। रोशन रतूड़ी का कहना है कि ‘मैंने अपनी तरफ़ से खोजबीन शुरू कर दी है। मेरा त्रिलोक सिंह की पत्नी से और उनके भाई भीम सिंह से सम्पर्क बना हुआ, त्रिलोक सिंह का परिवार सदमे मैं है और रो रोकर बुरा हाल है’। इंसानियत को जिंदा रखें और ज्यादा से ज्यादा इस पोस्ट को शेयर करें, ताकि एक बेबस परिवार को इंसाफ मिल सके।