उत्तराखंड का ये प्रोडक्ट फ्रांस में फैशन बना, लगातार डिमांड से टूटने लगे रिकॉर्ड
Aug 3 2018 10:37AM, Writer:आदिशा
क्या आप जानते हैं गांव में हम जिस भीयूंल यानी भीमल के रेशे उतारकर लकड़ी जलाने के काम में लाते हैं और रेशे फेंक देते हैं। उसी भीमल के रेशे से मजबूत और आरामदेह स्लीपर बन सकती हैं। ये स्लीपर जहां सालों साल चलती हैं वही ब्लड प्रेशर को नार्मल बनाने में भी सहायक होती हैं।इसी तरह से जिस कंडाली को हम छूने से भी डरते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उसी कंडाली की जैकेट रेशम से भी अधिक महीन और खूबसूरत होती है। ये जैकेट बहुत हलकी और गरम होती है। कंडाली की यह जैकेट चमोली और किमसार में बन रही है। उत्तराखंड में तैयार हो रही भीमल की स्लीपर फ्रांस में मशहूर हो रही है। जी हां उत्तराखंड में तैयार होने वाली भीमल की स्लीपर की फ्रांस से 10 हजार पेयर स्लीपर की डिमांड आ गई है। खुशी की बात तो ये है कि 4 हजार पेयर स्लीपर फ्रांस को एक्सपोर्ट भी कर दी गई है, बाकी स्लीपर्स तैयार हो रही हैं।
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अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड में इस वक्त रिंगाल, कंडाली, जूट, और कॉपर से प्रोडक्ट्स तैयार हो रहे हैं और इनकी डिमांड भी लगातार बढ़ती जा रही है। अब आपको बताते हैं कि आखिर ये भीमल की स्लीपर कहां तैयार हो रही हैं। चमोली, ऋषिकेश, यमकेश्वर और ढालवाला में इन स्लीपर का उत्पादन किया जा रहा है। भीमल के रेशे ने इन स्लीपर को तैयार किया जा रहा है। उद्योग विभाग द्वारा इन प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन सेल की तैयारी चल रही है। उद्योग विभाग द्वारा इन प्रोडक्ट्स को नया आयाम देने की तैयारी सफल होती दिख रही है। बताया जा रहा है कि इन सारे प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन सेल के लिए एमेजॉन पर बेचा जाएगा।

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उद्योग विभाग द्वारा इस वक्त कई कंपनियों से बात भी चल रही है। बताया जा रहा है कि हाल ही में एमेजॉन ने उद्योग विभाग ने 20 उत्पादों की बिक्री के लिए एमओयू साइन किया है। अच्छी बात ये है कि राज्य के साथ साथ विदेशों में भी इन चप्पलों की डिमांड बढ़ रही है। इन स्लीपर का उत्पादन कर रही महिलाओं के लिए ये अच्छी खबर है। इस वक्त उत्तराखंड के उद्योग विभाग की ब्रांच उत्तराखंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलेपमेंट काउंसिल (हिमाद्री) द्वारा भीमल की स्लीपर को तैयार किया जा रहा है। इस विंग द्वारा तैयार अलग अलग प्रोडक्ट्स को काफी पसंद किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा लकड़ी की कलाकृति, कॉपर की पूजा थालियां, सेंटेड प्रोडक्ट और गिफ्ट पैक तैयार किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड के लिहाज से ये एक अच्छी खबर है।