उत्तराखंड पुलिस ने बनाया रिकॉर्ड, नदी में डूबते 111 कांवड़ियों को बचाया...देशभर में तारीफ
Aug 10 2018 8:13PM, Writer:कपिल
नदी की तेज लहरों से टकराना इतना आसान नहीं होता। लेकिन उस हौसले को सलाम है, जो इन लहरों को भी मात देकर 111 जिंदगी बचा ले। उत्तराखंड पुलिस ने इस बार साबित कर दिखाया है कि हिम्मत और जांबाजी के मामले में वो पीछे नहीं रहने वाले। वास्तव में देश का हर पुलिसकर्मी अपने फर्ज और ड्यूटी के साथ मज़ाक ना करे, तो एक मिसाल कायम हो सकती है। ऐसी ही मिसाल कुछ उत्तराखंड पुलिस ने कायम की है। उत्तराखंड की अलग अलग जगहों से कांवड़ लेकर कांवड़िए वहां लौट रहे हैं, जहां वो भगवान शिव का अभिषेक करेंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि अकेले हरिद्वार में इस साल तीन करोड़ कांवड़ यात्री पहुंचे थे। पुलिस द्वारा सभी कांवड़ियों को व्यवस्थित ढंग से नियंत्रित किया गया, ये भी अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड है। लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है।
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27 जुलाई से अब तक कुल 11 दिनों में पुलिस ने 111 लोगों की जान बचाई है। चंद दिनों में ही उत्तराखंड पुलिस के जवानों ने नदी में डूबते 111 कावड़ियों को जान जोखिम में डालकर बचाया। एक न्यूज चैनल से हुई बातचीत में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया है कि ‘हरिद्वार से लेकर गंगोत्री धाम तक इस बार उत्तराखंड की जल पुलिस और एसडीआरएफ ने बड़ा रिकॉर्ड कायम किया है। इस बार हमने पहले ही प्रण ले लिया था कि सभी की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इस बार जल पुलिस ने दिन रात एक किए और 111 लोगों की जान बचाकर रिकॉर्ड बनाया है’। जबरदस्त बारिश की वजह से कुछ जगहों पर नदी में पानी का लेवल बड़ा था। इसके बावजूद भी पुलिस और एसडीआरएफ के जवान दीवार बनकर टिके रहे। पहाड़ों में तो ये और भी मददगार साबित हो रहे हैं।
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पहाड़ों में जहां रास्ते बंद हैं, वहं एसडीआरएफ लोगों की जिंदगियां बचाने का काम कर रही है। इसके अलावा ऋषिकेश के गौहरी माफी में बाढ़ से हालत खराब हैं, वहां भी एसडीआरएफ जबरदस्त काम कर रही है। खास बात ये है कि उत्तराखण्ड आ रहे शिवभक्तों के साथ देवभूमि का अनूठा रिश्ता बना। उत्तराखण्ड पुलिस ने हरिद्वार के नगर नियंत्रण कक्ष में खोया-पाया केन्द्र बनाया । परेशानी में घिरा कोई भी शख्स यहां आता है, तो तुरंत ही उसे मदद पहुंचाई जाती है। मासूम बच्चियां, छोटे छोटे बच्चे, बुजुर्ग लोगों को जब पुलिस के जवान अपनों से मिलवाते हैं, तो उनके चेहरे पर खुशी देखते ही बनती है। उत्तराखंड पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों को इस बेमिसाल काम के लिए बधाई। ऐसे ही देवभूमि का नाम रौशन कीजिए।