उत्तराखंड का ये रेलवे ट्रैक देश में सबसे अलग होगा..17 सुरंग, 33 स्टेशन और हाईटेक तैयारी
Aug 21 2018 7:36PM, Writer:कपिल
इस वक्त देश और दुनिया की नजर उत्तराखंड के चारधाम रेलवे ट्रैक पर है। पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजक्ट के रास्ते यूं तो काफी मुश्किलें हैं लेकिन इतना तय है कि जिस दिन ये रेलवे ट्रैक बनकर तैयार होगा, वो देश और दुनिया के लिए किसी अजबूे से कम नहीं होगा। इस वक्त उत्तराखंड के में चार धाम रेलवे प्रोजक्ट पर तेज गति से काम चल रहा है। चलिए आपको इस ट्रैक से जुड़ी कुछ खास बातें बता देते हैं। चार धाम रेल नेटवर्क का काम 2024 में पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही इस रूट पर एक बड़ा रिकॉर्ड भी बनेगा। अब तक देश में सबसे लंबी ट्रेन सुरंग बनिहाल से श्रीनगर कश्मीर तक बनी है, जिसकी लंबाई 10 किलोमीटर है। लेकिन अब 2024 में आपको देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग उत्तराखंड में दिखेगी। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रूट पर बनने वाली ये सुरंग 15.1 किलोमीटर लंबी होगी।
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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन देश की पहली ऐसी रेलवे लाइन होगी, जो 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। पहली टनल ऋषिकेश से शिवपुरी के बीच बनेगी। इस सुरंग की लंबाई 10 किलोमीटर होगी। इसके अलावा आखिर में गौचर से कर्णप्रयाग के बीच में भी एक सुरंग बनेगी, जिसकी लंबाई 6.27 किलोमीटर होगी। इसके अलावा भी कुछ खास बात है। सबसे लंबी सुरंग देवप्रयाग सौड़ से जनासू तक बनेगी। जिसकी लंबाई 15.1 किमी होगी। सुरंगों को अति अाधुनिक मशीनों से तैयार किया जाएगा। फिलहाल ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पहुंचने में करीब 7 घंटे का वक्त लगता है। लेकिन इस रेल लाइन के बनने के बाद ये दूरी सिर्फ ढाई घंटे में ही पूरी होगी। ऋषिकेश से बदरीनाथ के बीच 15 स्टेशन होंगे। इन स्टेशनों के नाम हैं ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, मलेथा, श्रीनगर, धारी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, गौचर, कर्णप्रयाग, सांइकोट, त्रिपाक, तरतोली और जोशीमठ।
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इस तरह डोईवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री के बीच 11 स्टेशन होंगे। ये हैं डोईवाला, संगतियावाला, सारंधावाला, आमपाटा, मरोड, कंडीसौड़, चिन्यालीसौड़, डूंडा, अटाली (उत्तरकाशी) लदाड़ी, मनेरी । इसी तरह से कर्णप्रयाग से केदारनाथ के बीच 7 स्टेशन होंगे। कर्णप्रयाग, सिवई, साइकोट, बैरथ, चोपता, मक्कूमठ, सोनप्रयाग। केदारनाथ जाने वाली प्रस्तावित रेल लाइन कर्णप्रयाग से होते हुए साईकोट पहुंचेगी। बदरीनाथ के लिए प्रस्तावित रेलवे लाइन केदारनाथ वाले लिंक के बीच साईकोट से वाई आकर में कटेगी और 75 किमी की दूरी पर जोशीमठ जाकर समाप्त होगी। सर्वे के मुताबिक यह पूरा रूट 327 किलोमीटर का होगा और 43,292 करोड़ रुपये तक की लागत आएगी। रेलवे की ओर से किए गए सर्वे में इस रूट पर 21 नए रेलवे स्टेशन, 61 सुरंगें और 59 पुल बनेंगें। चुनौतियां बहुत हैं, ऐसे में मोदी सरकार के लिए ये रेल नेटवर्क किसी मिशन से कम नहीं।