उत्तराखंड के 22 लाख परिवारों का अब मुफ्त में होगा इलाज, 25 सितंबर शानदार शुरुआत
Aug 23 2018 1:51PM, Writer:कपिल
अगर परिवार में कोई शख्स किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। अस्पतालों में महंगे इलाज इंसान का दम घोंट लेते हैं। जिंदगी भर की सारी जमा-पूंजी एक इलाज में ही चली जाती है। लेकिन अब उत्तराखंड के 22 लाख परिवारों के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड के 22 लाख परिवारों को कैंसर, दिल की बीमारियों समेत 1349 बीमारियों के इलाज की सुविधाएं मुफ्त देने की तैयारी है। आप इन बीमारियों का इलाज राज्य के हर सरकारी अस्पताल में तो कराएंगे ही। साथ ही महंत इंदिरेश, हिमालयन हॉस्पिटल, सिनर्जी, मैक्स और कैलाश जैसे बड़े निजी अस्पतालों में भी आप इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। 25 सितंबर से केंद्र सरकार इस मेगा प्रोजक्ट को शुरू करने जा रही है। अब जरा ये भी जान लीजिए कि आप किस तरह से इस योजना में खुद को रजिस्टर कर सकेंगे।
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दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2011 में कराए गए सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक इस योजना का लाभ उत्तराखंड के 534578 परिवारों को दिया जाना है। इसके तहत राज्य में 61.9 फीसदी परिवारों का डाटा फीड हो चुका है। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में 391909 परिवारों और शहरी क्षेत्रों में 142669 परिवारों को चिन्हित किया गया है। इसके अलावा इसी योजना यानी आयुष्मान भारत योजना में उन 12 लाख परिवारों को भी जोड़ा जाएगा जो मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े हैं। 4.5 लाख यू हेल्थ कार्डधारक और अन्य लोगों को भी इस योजना से जोड़ा गया है। कुल मिलाकर राज्य के करीब 22 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। आमतौर पर ज्यादा गंभीर बीमारी का इलाज 3 से 4 लाख तक में होता है। लेकिन सरकार हर परिवार को इलाज के लिए 5 लाख रुपये देगी।
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अब सवाल ये है कि क्या आप इस योजना में रजिस्टर्ड हैं ? ये जानने के लिए आपको अपना आधार कार्ड, राशन कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर सीएमओ, जिला अस्पताल, सीएचसी या फिर कामन सर्विस सेंटर में जााना होगा। यहां आपका भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इन दस्तावेजों की जानकारी साफ्टवेयर में जैसे ही दर्ज होगी, तो आपका नाम भी इस गोल्डन रिकार्ड में दर्ज हो जाएगा। इसके बाद ही आपको योजना का लाभ मिल सकेगा। केंद्र सरकार 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर पूरे भारत में इस योजना को एक साथ लागू करने जा रही है। लोगों की रजिस्ट्रेशन के मामले में रुद्रप्रयाग जिला पहले नंबर पर है। रुद्रप्रयाग में 98.6 फीसदी रजिस्ट्रेशन हुए हैं। पौड़ी गढ़वाल में 97.4 फीसदी रजिस्ट्रेशन हुए जबकि हरिद्वार में सबसे कम 23.3 फीसदी लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया।