image: cloud burst in pauri garhwal

पहाड़ का बुरा हाल...पौड़ी में बादल फटने से तबाही..मसूरी में उफान पर कैम्पटी फॉल

Sep 3 2018 9:33AM, Writer:आदिशा

मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही। मुश्किलें विकराल होती जा रही हैं और आफत का पहाड़ बगुनाओं पर टूट रहा है। उत्तराखंड में बीते एक महीने से आसमानी आफत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। टिहरी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, नैनीताल और देहरादून में तो इस बार कुछ ज्यादा ही तबाही मची है। अब खबर पौड़ी गढ़वाल से आ रही है। पौड़ी जिले के कलुण गांव में बादल फटने के बाद भारी तबाही की खबर है। स्थानीय नदी में भारी उफान आने की वजह से लोग भयभीत हैं। भयंकर मलबे में चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए। खबर है कि इस कलूण गांव में मलबे के साथ गौशालाओं को भी बेहद नुकसान हुआ और करीब 6 मवेशी बह गए। खेतों के हाल तो पूछिए ही मत। मलबे से फसलें बुरी तरह से बर्बाद हो गई हैं और प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।

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कलूण गांव पौड़ी के पाबौ ब्लॉक में पड़ता है। यहां भयंकर बारिश और भूस्खलन के बाद दो मकान गधेरे के तेज बहाव में बह गए। इसी मलबे में तीन बकरियां, एक गाय और दो बछड़े भी दब गए।इसी गांव के सिताब सिंह, दिलबर सिंह और रणजीत सिंह के मकान मलबे में बह गए हैं। एसडीएम, तहसीलदार , ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पशुपालन विभाग की टीम और आपदा राहत टीम मौके पर है। इस बीच अगर आप मसूरी के कैंम्पटी फॉल जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो जरा संभलकर जाएं। भारी बारिश की वजह से कैम्पटी फॉल ने एक बार फिर से विकराल रूप धर लिया। दो घंटे बाद कैम्पटी फॉल सामान्य हो सका। तब जाकर आसपास के दुकानदारों ने राहत की सांस ली। इससे पहले भी बारिश की वजह से अचानक कैम्पटी फॉल उफान पर आ गया था।

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वहीं मौसम विभाग का कहना है कि उत्तराखंड के 8 जिलों में अगले 24 घंटे भारी पड़ सकते हैं। कोटद्वार में भी बारिश के बाद तबाही देखने को मिली। कोटद्वार के दुगड्डा ब्लॉक के जमरगड्डी गांव में मूसलाधार बारिश से एक मकान ध्वस्त हो गया। शुक्र रहा कि उस वक्त इस घर में कोई मौजूद नहीं था। 25 अगस्त को भी जमरगड्डी मल्ली में बारिश की वजह से सात भवनों में गहरी दरारें आ गई थी। उधर बदरीनाथ के पास लामबगड़ में नाले में आए उफान से हाईवे का 30 मीटर हिस्सा बह गया है। इसके अलावा जोशीमठ-मलारी के बीच हाईवे पर मलबा आ गया है। मलबे को हटाने का काम चल रहा है। यमुनोत्री धाम के पास डाबरकोट में पत्थरों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। आलम ये है कि पूरे उत्तराखंड में बाऱिश और भूस्खलन की वजह से 80 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं।


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