Video: पहाड़ के इस शिक्षक को प्रणाम, सिर्फ 8 छात्रों के लिए रोज़ाना मौत से जंग लड़ते हैं
Sep 5 2018 11:43AM, Writer:आदिशा
धन्य हैं ऐसे शिक्षक जिन्हें अपनी जान की परवाह नहीं। उन्हें अगर अगर परवाह है, तो उन बच्चों की जो स्कूल में उनका इंतजार कर रहे हैं। आज शिक्षक दिवस के मौके पर राज्य समीक्षा की पूरी टीम ऐसे शिक्षकों को प्रणाम करती हैं। इसी कड़ी में हम आपको पिथौरागढ़ जिले के दानिबागर इलाके के शिक्षक जोधसिंह कुंवर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। एक ऐसे शिक्षक जिनके लिए दुर्गम और सुगम कोई मायने नहीं रखता। इन्हें अगर कोई चिंता है तो बस एक बात की..स्कूल में हर दिन 8 बच्चे उनका इंतज़ार करते हैं। उन 8 बच्चों के भविष्य की खातिर जोधसिंह कुंवर हर दिन मौत को मात देकर स्कूल आते हैं। जिस स्कूल में जोधसिंह कुंवर शिक्षक हैं, वहां छात्रों की संख्या महज़ 8 है। इसके बाद भी इन 8 छात्रों के लिए अपनी जान जोखिम में डालना उनका जुनून बन गया। हाल ही में उनका एक वीडियो देशभर की मीडिया में दिखाया गया था। ये ही वीडियो हम आपको दिखा रहे हैं, जिससे आपको अहसास होगा कि एक शिक्षक के लिए शिक्षा का धर्म ही सर्वोपरि है।
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भारी बारिश की वजह से कहीं सड़कें टूटी, तो कहीं पुल बह गए। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई इलाकों में तो बाढ़ जैसे हालात पनप गए। जोधसिंह कुंवर को अपने स्कूल तक पहुंचाने के लिए सिर्फ एक पुल था और वो आपदा में बह गया। ऐसे में नदी पार करके स्कूल जाना किसी जोखिम से कम नहीं था। बच्चों की पढ़ाई बेहद जरूरी थी तो प्रशासन से मदद में देरी हो रही थी। गांववालों ने मिलकर नदी के ऊपर रोपवे तैयार कर दिया। इस रोप-वे के जरिए जोधसिंह कुंवर रोजाना नदी के उस पार स्कूल में जाते और स्कूल में मौजूद 8 छात्रों को पढ़ाते। मौसम की मार से बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े, इसके लिए जोधसिंह कुवंर जैसे शिक्षक प्रतिबद्ध हैं। करीब 30 मीटर का ये रोपवे पिथौरागढ़ जिले के दानिबागर इलाके में जिम्बा नदी के ऊपर बना है। मुश्किल हालातों से खेलकर शिक्षा के धर्म को निभाने वाले ऐसे शिक्षक को हमारा सलाम।