Video: देवभूमि के शेषनाग देवता..जिनकी वजह से नशा मुक्त हो गए 4 गांवों के लोग
Sep 5 2018 2:35PM, Writer:कपिल
कहते हैं कि श्रद्धा और आस्था में इतनी ताकत होती है कि हर इंसान को जीवन के सही रास्ते पर ले जा सकती है। खासतौर पर देवभूमि की बात करें, तो यहां मौजूद देवस्थानों का अपना अलग ही महात्म्य है। आज हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, वहां हर साल आस्था और भक्ति का सैलाब उमड़ता है। ये हैं देवभूमि के शेषनाग देवता। आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तरकाशी जिले के कुपड़ा गांव में बीते तीस सालों से कोई व्यक्ति ना तो शराब को हाथ लगाता है और ना ही शराब का नाम लेता है। यहां माना जाता है कि अगर किसी ने शराब को हा भी लगाता तो नाग देवता नाराज़ हो जाएंगे। 600 की आबादी वाले कुपड़ा गांव के लोगों का यहां के शेषनाग देवता पर इतनी आस्था है कि इन्ही को साक्षी मानकर तीस साल पहले यहां के लोगों ने शराब को हाथ तक ना लगाने की कसम खाई थी।
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गर्व की बात है कि आज तक इस परंपरा का निर्वहन हो रहा है। सिर्फ यहीं पर ये बात खत्म नहीं होती। नाग देवता की डोली जिस भी गांव में जाती है, उस गांव के लोग शराब ना पीने की कसम खा लेते हैं। आलम ये है कि कुपड़ा गांव के के आस-पास के गांव कुंसाला, त्रिखाली, ओजली और कपोला गांवों में भी लोगों ने शराब ना पीने की कसम खाई है। पीना तो छोड़िए इन गांवों में शराब पिलाना भी बंद है। गांव में मेहमानों का स्वागत दूध, दही, घी, मक्खन के साथ होता है। इसी साल राना गांव में भी शेषनाग देवता की डोली गई थी। राना गांव के लोगों ने भी इस साल शराब ना पीने और ना ही पिलाने की कसम खाई है। हर साल अगस्त के महीने में शेषनाग देवता अपनी डोली के साथ निकलते हैं और इस दौरान अपार आस्था और श्रद्धा का संगम देखने को मिलता है। आप भी ये खूबसूरत वीडियो देखिए।
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हम कुपड़ा गांव के प्रदीप राणा का धन्यवाद करना चाहते हैं, जो उन्होंने इतनी खूबसरूत संस्कृति से हमारा परिचय करवाया।