उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ को करारा जवाब, 'ड्रैगन' के शिकार को तैयार हुई आर्मी और एयरफोर्स!
उत्तराखंड में भारतीय थलसेना और वायुसेना युद्धभ्यास कर रही है। पहले रानीखेत और अब चिन्यालीसौड़ में हो रहे युद्धभ्यास चीन सीमा पर भारतीय सेना की मुस्तैदी की बानगी हैं... पढ़िए ये ख़ास रिपोर्ट
Oct 4 2018 8:51AM, Writer:रश्मि पुनेठा
भारत की संवेदनशील सीमाओं में से एक उत्तराखंड से लगी चीन की सीमा है। जिसको लेकर हर वक्त सेना और वायु सेना सतर्क रहती है। हमारी दोनों ही सेना चीन की हर हरकत पर नजर रखती है, ताकि सीमा पार से अगर भारत के खिलाफ कोई साजिश को अंजाम देने की कोशिश की जाए तो उसे मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके। बता दे कि उत्तराखंड की सीमा से लगे कई गांव खाली हो चुके है ऐसे में चीन की तरफ से कई बार घुसपैठ की कोशिश की गई है हालाकि भारतीय सेना के जवानों ने उसके इलादों को नाकाम कर दिया है। वही अपनी ताकत का कई बार लोहा मनवा चुकी सेना इन दिनों उत्तरकाशी के नेलांग घाटी में भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी के साथ मिलकर संयुक्त रुप से युद्धाभ्यास कर रही है। तो वही वायुसेना ने भी अपनी ताकत के जरिए चीन को संदेश देने की कोशिश की है। आगे कुछ और भी ख़ास बातें हैं।
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बता दें की वायुसेना ने चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर अभ्यास किया। 28 सितंबर से वायु सेना के जवान यहां पर अभ्यास कर रहे थे। जबकि सेना और आईटीबीपी के जवान नेलांग घाटी में 15 सितंबर से संयुक्त रुप से युद्धाभ्यास कर रहे है जो 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा। वायु सेना के जवानों के अभ्यास के आखिरी दिन एयर मार्शल डीएस रावत ने हवाई पट्टी का निरीक्षण किया। एयर मार्शल रावत ने चमोली और उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर से भारत-चीन सीमा का भी जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने वायु सेना के अफसरों और जवानों से अभ्यास के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस महीने के आखिर में यहां सेना और वायु सेना संयुक्त रुप से युद्धाभ्यास करेंगे। वही उन्होंने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी जहाजों के उड़ान भरने के लिए ठीक है।
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वायु सेना का भारी माल वाहक विमान यहां तीन-चार बार सफल लैंडिंग करने के साथ ही उड़ान भी भर चुका है। एयर मार्शल ने कहा कि सामरिक दृष्टि से यह हवाई पट्टी बेहद महत्वपूर्ण है और यह सभी परीक्षण सफल रही हैं। आपको बता दे कि सेना के इस युद्धाभ्यास से कुछ दिनों पहले ही अमेरिका और भारतीय सेना के जवानों ने रानीखेत में संयुक्त रुप से युद्धाभ्यास किया था। दरअसल उत्तराखंड की सीमा से लगातार घुसपैठ की कोशिशों के बाद सेना का पूरा फोकस अब यही हो गया है। सेना ने अपने युद्धाभ्यास के जरिए पड़ोसी मुल्क को संदेश देने की कोशिश की है कि अपने देश की सीमा की सुरक्षा के लिए वो पूरी तरह से सतर्क और मुस्तैद है।