image: Roshan raturi to help vijay kumar family

टोक्यों में 6 दिन से पड़ी है विजय की लाश, इंतजार में 4 साल की बेटी...रोशन रतूड़ी करेंगे मदद

जापान में विजय की लाश टोक्यो एयरपोर्ट पर बीते 6 दिनों से रखी हुई है। भारतीय दूतावास ने मदद नहीं की तो अब रोशन रतूड़ी उस बेबस परिवार की मदद करने की बात कह रहे हैं।
Oct 19 2018 9:34AM, Writer:आदिशा

शर्म क्या है ? जब इंसानियत सड़क पर लाश बनकर सड़ने लगे तो वो शर्म है। जब खुद को इंसानियत के हुक्मरान कहने वाले सफेदपोशों को सड़क पर पड़ी लाश और मानवीय संवेदनाएं ना दिखें, तो उसे शर्म कहते हैं। क्या ये शर्म की बात नहीं कि विजय की लाश बीते 6 दिनों से जापान के टोक्यो एयरपोर्ट पर रखी है और भारतीय दूतावास कोई मदद नहीं कर रहा? विजय की चार साल की बेटी सौम्या है, जो अपनी मां से बार बार एक सवाल पूछ रही है कि आखिर मेरे पापा कब आएंगे ? लेकिन अब उस परिवार को कुछ मदद की आस जगी है। मदद देने का भरोसा उत्तराखंड के रोशन रतूड़ी ने दिलाया है। दरअसल कानपुर के विजय की जापान में तबियत बिगड़ने पर मौत हो गई थी। विजय के दो भाई दिल्ली में भारतीय दूतावास के बाहर डेरा डाले हैं लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही।

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सरकारी अधिकारी कागजी कार्रवाई की बात कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सही जवाब नहीं मिल पाया। अमर उजाला के मुताबिक परिवार वाले प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक को ट्वीट कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। विजय आईआईटी रुड़की के छात्र रहे हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी के बुलावे पर वो 13 अक्टूबर को अमेरिका के सेन फ्रैंसिस्को जाने के लिए निकले थे। इस बीच फ्लाईट में ही विजय की तबीयत खराब हो गई और टोक्यो एयरपोर्ट पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। विजय को एयरपोर्ट के अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। खबर मिली तो परिवार वाले दिल्ली पहुंच गए। भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो पता चला कि कागजी कार्रवाई में वक्त लग रहा है। विजय की पत्वी गिरिजा और उनकी चार साल की बेटी सौम्या उनका इंतजार कर रही है।

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अब उत्तराखंड के समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने इस बेबस परिवार की मदद करने की ठानी है उनका कहना है कि ‘’विजय कुमार जी के पार्थिव शरीर को लेने भी मैं जापान जाता हूँ।’’ उनका कहना है कि क्या विजय कुमार भारत माता का बेटा नहीं है? क्या हम सबका कोई कर्तव्य नही बनता है कि हम सब मिलकर इस शव को भारत लाने मैं मदद करें? ऐसी दुखद स्थिति को देख कर मुझे ही जापान जाना पढ़ेगा और इस शव को टोक्यो-जापान से वतन लाना होगा।

आदरणीय दोस्तों सादर प्रणाम और सलाम ।



अगर आप सब इजाज़त दे तो विजय कुमार जी के पार्थिव शरीर को लेने भी मै जापान जाता हूँ...

Posted by Roshan Raturi RR on Friday, October 19, 2018


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