उत्तराखंड शहीद प्रदीप रावत के घर जन्मी बेटी.. मां बोली ‘इसे भी सेना में भेजूंगी’
इसे गर्व ना कहा जाए तो और क्या कहा जाए। उत्तराखंड शहीद के घर बेटी का जन्म हुआ और शहीद की मां ने कहा कि ‘मैं इसे भी सेना में भेजूंगी।’
Nov 1 2018 10:36AM, Writer:रश्मि पुनेठा
गर्व है हमें उन वीर माताओं पर..ये वीर माताएं अपनी कोख में ऐसे सपूत को जन्म देती हैं, जो देश की खातिर सरहद पर शहीद हो जाता है। जब उस शहीद की संतान पैदा होती है तो वो ही मां कहती है कि ‘मैं इसे भी सेना में भेजूंगी।’ 12 अगस्त को उत्तराखंड के सपूत प्रदीप रावत देश के लिए शहीद हुए थे। वो अपनी सात महीने की गर्भवती पत्नी को दुनिया में अकेला छोड़कर चले गए। दो महीने से घर में मातम का माहौल था लेकिन घर में जब नन्हीं सी कली ने जन्म लिया, तो परिवार के चेहरे पर रौनक लौट आई। शहीद की मां को इस बेटी में अपना बेटा ही नज़र आया और गर्व से कह दिया कि ‘मैं इसे भी सेना में ही भेजूंगी। ये भी अपने पिता की तरह वीर बनेगी। मैं इसे भी देश की सेवा के लिए भेजूंगी।’ ऐसी वीर माताओं को नमन ना करें तो और क्या करें ?
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जिस मां ने अपने घर का इकलौता चिराग खो दिया, वो मां को दुख जरूर है लेकिन दिल गर्व से भरा है। शहीद प्रदीप रावत की पत्नी नीलम रावत ने बेटी को जन्म दिया और पूरे देश से इस बेटी को शुभाशीष मिला है। पहले आप उस प्यारी सी गुड़िया की ये तस्वीर देखिए।
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Video: वीरों की देवभूमि...5 दिन में 3 सपूत शहीद, देशभक्ति का इससे बड़ा सबूत क्या है?उत्तराखंड के सपूत लांसनायक प्रदीप सिंह रावत जम्मू-कश्मीर के बारामुला में एलओसी पर तैनात थे। 12 अगस्त 2019 को वो पेट्रोलिंग पर थे। इस दौरान एक विस्फोट हुआ और वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान प्रदीप सिंह रावत भगवान को प्यारे हो गए थे। उनकी नियुक्ति चार
गढ़वाल राइफल में साल 2010 में हुई थी। बेटे के जाने से मां और पिता बुरी तरह टूट चुके थे। गर्भवती पत्नी बार बार बेहोश हो रहीं थीं। आखिरकार घर में नन्हीं सी परी आई तो शहीद की मां
उषा देवी ने कहा कि ‘’मेरे बेटे ने भारत मां के लिए अपनी जान गंवाई। बेटे के चले जाने का दुख तो है मगर हमें उस पर हमेशा गर्व रहेगा। अब बेटे का अंश इस दुनिया में आया है और परिवार में एक बार फिर से रौनक लौटी है। मैं अपनी पातीं को भी सेना में देश सेवा के लिए भेजूंगी’। गर्व है ऐसे शहीदो पर और सलाम है ऐसी वीर माताओं पर।