image: Martyr bijendra singh chauhan wife on garbage box in tehri garhwal

उत्तराखंड शहीद की पत्नी बोली.. ‘हटा दो मेरे शहीद पति का शौर्य स्मारक, ये कैसा सम्मान है?

उत्तराखंड शहीद की पत्नी को आखिरकार कहना ही पड़ा कि मेरे शहीद पति का आखिर ये कैसा सम्मान है। जानिए क्यों
Dec 11 2018 3:18PM, Writer:कपिल

शहीद का शौर्य स्मारक बना लिया और उसके सामने कूड़ादान रख दिया। उस शहीद की वीरांगना की आंखों में गुस्सा साफ दिख रहा है। हम बात कर रहे हैं टिहरी गढ़वाल के वीर सपूत बिजेन्द्र सिंह चौहान की। साल 1999 में टिहरी के लंबगांव के बिजेन्द्र सिंह चौहान करगिल में शहीद हुए थे। जब शहीद का पार्थव शरीर घर लाया गया था तो पूरे उत्तराखंड की आंखें छलक आई थी। साल 2000 में शहीद बिजेन्द्र की याद में लंबगांव बाजार में शौर्य स्मारक बनाया गया।शहीद की पत्नी बांसुरी देवी का कहना है कि नवंबर में उन्होंने देखा कि उनके शहीद पति के स्मारक के ठीक आगे कूड़ादान रखा है। उनका कहना है कि 'मेरे पति देश के लिए शहीद हुए हैं और उनकी शहादत का ऐसा सम्मान दिया जा रहा है ? इससे बेहतर तो ये ही है कि प्रशासन इस शौर्य स्तंभ को ही यहां से हटा दे।'

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उधर नगर पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि उनके संज्ञान में ये मामला आया ही नहीं। साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर वहां कूड़ादान रखा गया है, तो वो भी जल्द से जल्द हटा दिया जाएगा। आपको बता दें शहीद बिजेन्द्र सिंह चौहान टिहरी जिले के लंबगांव क्षेत्र के थापला गांव के रहने वाले थे। साल 1999 में वो करगिल में शहीद हो गए थे। अगले साल जनवरी 2000 में लंबगांव बाजार में शहीद के सम्मान में प्रशासन ने शौर्य स्तंभ का निर्माण कराया। अब शऔर्य स्तंभ का ही ये हाल किया गया है और शहादत का मज़ाक बन रहा है। शहीद की पत्नी का कहना है कि अगर ये जगह कूड़ेदान के लिए ठीक है तो शौर्य स्तंभ को यहां से हटा दें और कहीं और लगा दें। लेकिन इस तरह से मज़ाक ना बनाएं। प्रतापनगर के एसडीएम अजयवीर सिंह का कहना है कि अगर ऐसा है तो कूड़ेदान को हटाया जाएगा।


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