उत्तराखंड का वीर सपूत, चीन-पाकिस्तान के इरादे नाकाम करने वाला जांबाज अफसर!
कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जिनके बारे में हम उत्तराखंडियों को हर हाल में जानना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ये हमारे लिए गौरवशाली कहानियां हैं।
Dec 15 2018 2:16PM, Writer:कपिल
आज हम बात कर रहे हैं उस सेनानायक की, जो फिलहाल तो चीन और पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। पहाड़ जैसे हौसले वाले लेफ्टिनेंट जनरल बलवंत सिंह नेगी। मध्य कमान के सेनाध्यक्ष, जो चीन के हर वार का तोड़ बखूबी देने में भरोसा रखते हैं। आपरेशन मेघदूत, आपरेशन रक्षक और आपरेशन विजय के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इन तमाम ऑपरेशन्स में जनरल नेगी ने एक कुशल सेनानायक की भूमिका निभाई है। उन्हें अतुल्य वीरता के लिए दो बार विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। जिस तरह जनरल बिपिन रावत और एनएसए अजीत डोभाल की अपनी रणनीतियां हैं, उसी तरह का काम जनरल नेगी भी करते हैं। इस उम्र में भी उन्हें पहाड़ों पर बाइक राइडिंग का जबरदस्त शौक है। खास बात ये है कि वो एक कुशल बॉक्सर भी हैं। आगे जानिए इनके बारे में सब कुछ।
यह भी पढें - कुमाऊं रेजिमेंट ने देश को दिया गौरवशाली पल, 329 जांबाज भारतीय सेना में शामिल
उत्तराखंड से इन्हें बेहद लगाव है। वो बार बार कहते हैं कि देवभूमि की रक्षा इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी हो गई है क्योंकि यहां लगातार होता पलायन कई सामरिक चुनौतियों को देश के सामने रख रहा है। मध्य कमान के इस सेनाध्यक्ष ने हाल ही में चीन की सीमा का दौरा किया था। गुंजी में सेना के तमाम अधिकारियों और फौजियों से मुलाकात की । गूंजी वो इलाका है जहां से भारत और चीन की सीमा सटी है। इस सेनाधिकारी ने मानों कसम ली है कि देवभूमि में घुसने से पहले ही चीनी सेना के हौसले पस्त कर दिए जाएंगे। गूंजी से आगे उन्होंने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल का भी हवाई सर्वे किया है। हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल नेगी पिथौरागढ़ छावनी क्षेत्र पहुंचे थे। इनके बारे में एक बात कही जाती है कि इन्हें चीन से संबंधित तमाम मसलों पर महारथ हासिल है।
यह भी पढें - उत्तराखंड शहीद: जिसके कपड़ों पर आज भी होती है प्रेस, सेवा में लगे रहते हैं 5 जवान !
चीन अब कौन सी चाल चल सकता है, आगे वो क्या क्या कर सकता है, इस बात की जानकारी इस शेरदिल पहाड़ी को अच्छी तरह से रहती है। लेफ्टिनेंट जनरल नेगी के की एक और खास बात ये है कि उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से चीन की आधुनिकता सबजेक्ट पर पीएचडी की थी। इसके अलावा वो देहरादून के आईएमए में कमांडेंट के पद पर भी तैनात थे। कर्नल ऑफ द आसाम रेजिमेन्ट, जम्मू कश्मीर के जनरल ऑफिसर इन कमांडिंग और14 वीं सैन्य कोर ऊधमपुर के कमांडिग ऑफिसर के पद पर भी वो तैनात रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नेगी ने अपनी स्कूलिंग राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून से है। इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस कॉलेज खड़गवासला को ज्वाइन किया। लेफ्टिनेंट जनरल अब तक ना जाने कितने ऑपरेशनों में अहम भूमिका अदा कर चुके हैं।