देवभूमि का नचिकेता ताल, जहां आज भी नहाने आते हैं देवता..यहां मृत्यु के रहस्य खुले थे
कहा जाता है कि उत्तराखंड के इस ताल में आज भी देवता स्नान करने के लिए आते हैं। इसकी कहानी मृत्यों के रहस्यों से जुड़ी है।
Dec 28 2018 4:02AM, Writer:कोमल नेगी
मृत्यु जीवन की सबसे कठोरतम सच्चाई है। इस दुनिया में कदम रखने के साथ ही हम मृत्यु के करीब पहुंचने की यात्रा पर निकल जाते हैं, फिर भी मौत से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं जो अक्सर हमारे मन में उठते रहे हैं। बालक नचिकेता के मन में भी मृत्यु से जुड़े ऐसे कई सवाल थे, जिनका जवाब पाने के लिए वो खुद यमराज से मिलने चल पड़ा। उत्तरकाशी के पास मौजूद नचिकेता ताल ही वो जगह है, जहां मृत्यु के रहस्य सुलझे थे। खुद यमराज ने धरती पर आकर बालक नचिकेता को मौत का रहस्य बताया था। ताल के पास ही एक गुफा है, मान्यता है कि यमराज इसी रास्ते से धरती पर आए थे और बालक नचिकेता के सवालों के उत्तर दिए थे। शास्त्रों और पुराणों में लिखा गया है कि धरती पर नचिकेता ही एक ऐसे इंसान थए, जिन्हें मृत्यु के रहस्यों का पता चला था।
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जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर की दूरी पर चौरंगीखाल नाम की एक जगह है, जहां से 3 किलोमीटर का पैदल रास्ता पार कर श्रद्धालु नचिकेता ताल पहुंचते हैं। नचिकेता ताल की खूबसूरती और आस-पास मौजूद हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेती है। इस ताल को लेकर तरह-तरह की कहानियां मशहूर हैं। कहा जाता है कि इस ताल में देवी-देवता आज भी स्नान करने आते हैं। रात के समय ताल के पास से शंख और घंटों की आवाजें भी सुनाई देती हैं। ताल के पास मौजूद गुफा के बारे में कहा जाता है कि जो भी इस गुफा के भीतर जाता है, वो वापस नहीं आता। यही नहीं इस जगह पर तपस्या से मंत्रसिद्धि जल्द मिलने की भी बात कही जाती है। वास्तव में उत्तराखंड कई ऐसे रहस्यों से भरा पड़ा है, जिनके बारे में जानकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं।