image: Gopal singh mahara martyr in assam

देवभूमि का सपूत आतंकी हमले में शहीद हुआ, गांव में शोक की लहर

उत्तराखंड का एक और लाल देश के लिए कुर्बान हो गया। गोपाल सिंह माहरा आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं।
Jan 3 2019 2:07AM, Writer:आदिशा

देश की रक्षा के लिए उत्तराखंड का एक और लाल कुर्बान हो गया। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट दशाईथल जजौली के रहने वाले गोपाल सिंह माहरा अब इस दुनिया में नहीं हैं। गोपाल सिंह माहरा 24 असम राइफल में तैनात थे। बताया जा रहा है कि बुद्धवार सुबह नागालैंड में आतंकी हमला हुआ, जिसमें गोपाल सिंह माहरा दुश्मन की गोली का निशाना बन गए। बड़ी बात ये भी है कि एक साल बाद ही गोपाल सिंह माहरा का रिटायरमेंट था। गोपाल सिंह के घर में उनकी बूढ़ी मां कौशल्या देवी हैं, जो अक्सर बीमार रहती हैं। इसके अलावा पत्नी बसंती, 17 साल का बेटा सौरभ और 14 साल की बेटी हिमानी है। सौरभ पॉलीटेक्नीक की पढ़ाई कर रहा है, तो हिमानी 9वीं कक्षा में पढ़ती है। साल 1987 में गोपाल सिंह माहरा असम राइफल का हिस्सा बने थे। बताया जा रहा है कि गोपाल सिंह पूर्वोत्तर में नागालैंड से सटे एक गांव में तैनात थे।

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बुधवार सुबह चार बजे आतंकियों ने एकाएक हमला बोल दिया, जिसमें मुठभेड़ के दौरान गोपाल सिंह शहीद हो गए। असम राइफल की तरफ से शहीद के परिजनों को खबर दी गई। इसके बाद से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। शहीद गोपाल सिंह माहरा सैन्य पृष्ठभूमि से ही ताल्लुक रखते थे। वो चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनके बड़े भाई निर्मल माहरा असम राइफल में सूबेदार के पद पर तैनात हैं। इसके अलावा तीसरे नंबर के भाई ठाकुर सिंह भारतीय सेना में पुंछ में तैनात हैं। सबसे छोटे भाई रिपुसूदन माहरा दशाईथल में ही दुकान चलाते हैं। शहीद गोपाल सिंह के पिताजी स्वर्गीय त्रिलोक सिंह भी असम राइफल्स में ही तैनात थे। उन्हें बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार भी दिया गया था। 29 साल तक असम राइफल्स में सेवा देने वाले शहीद गोपाल सिंह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़कर गए हैं।


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