'मरुंगा.. लेकिन पोस्ट नहीं छोडूंगा'.. हर भारतीय को देखनी चाहिए महावीर जसवंत सिंह की शौर्यगाथा
‘हम लोग लौटें न लौटें, ये बक्से लौटें न लौटें, लेकिन हमारी कहानियां लौटती रहेंगी...’ देवभूमि के वीर सपूत राइफल मैन जसवंत सिंह की शौर्यगाथा पर बनी फिल्म रिलीज हो गई है। फिल्म के डॉयलॉग्स खूब पसंद किए जा रहे हैं..
Jan 19 2019 6:30AM, Writer:कोमल
भारत-चीन युद्ध के दौरान चीनी सेना से अकेले लोहा लेने वाले उत्तराखंड के राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की शौर्यगाथा पर बनी फिल्म '72 आवर्स: मार्टियर हू नेवर डायड’ शुक्रवार को रिलीज हो गई। फिल्म को पॉजिटिव रिव्यू मिले हैं। फिल्म के निर्देशन से लेकर कलाकारों के अभिनय तक की खूब तारीफ हो रही है। सिनेमाघरों में फिल्म के पहले दिन का पहला शो हाउसफुल रहा। जिसने भी जसवंत सिंह की वीरता को पर्दे पर देखा, उसका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी थे। साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान उन्होंने चीनी सेना से अकेले लोहा लेते हुए भारतीय सीमा की रक्षा की थी। 300 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारने के बाद जसवंत सिंह रावत शहीद हो गए थे।
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उनके जीवन पर बनी फिल्म '72 आवर्स: मार्टियर हू नेवर डायड इन दिनों खूब चर्चा में है। फिल्म के डॉयलॉग दर्शकों की जुबान पर चढ़ चुके हैं। फिल्म में युद्ध के दौरान जसवंत सिंह कहते हैं ‘हम लोग लौटें न लौटें, ये बक्से लौटें न लौटें, लेकिन हमारी कहानियां लौटती रहेंगी...’ युद्ध में जब चीनी सेना भारतीय सेना पर भारी पड़ने लगती है तो आर्मी ऑफिसर जसवंत सिंह को पोस्ट छोड़ने के लिए कहते हैं, तब वे कहते हैं 'मरुंगा-यहीं मरुंगा, लेकिन ये पोस्ट नहीं छोडूंगा'। फिल्म के डॉयलॉग देशभक्ति में डूबे हैं, जो कि दर्शकों में जोश भर देते हैं। फिल्म में युद्ध के दौरान गोली लगने पर जसवंत सिंह और उनके सहयोगी कहते हैं- 'फौजी पर जंक न लगे इसलिय होती हैं जंग'। जसवंत सिंह के डॉयलॉग ‘तुम्हारे आने वाले कल के लिए उन्होंने अपना आज कुर्बान कर दिया...में शहीदों के बलिदान की भावना नजर आती है। फिल्म के डॉयलॉग्स दर्शकों में जोश भरने के साथ ही उन्हें भावुक कर देते हैं। फिल्म को दर्शकों की खूब तारीफ मिल रही है।