उत्तराखंड का एक परिवार बहरीन में फंसा, वतन वापसी की कोशिशों में जुटा विदेश मंत्रालय
उत्तराखंड का एक परिवार बहरीन में फंसा है। पीड़ित के परिजनों ने सरकार से मदद मांगी है, दंपति और उनकी बेटी को स्वदेश वापस लाने की कोशिश शुरू हो गई है।
Feb 8 2019 3:34AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड से हर साल हजारों बेरोजगार युवा अच्छी नौकरी का सपना लेकर विदेश जाते हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही खुशकिस्मत ऐसे होते हैं, जिनका ये सपना पूरा हो पाता है। ज्यादातर लोगों को या तो अपने सपनों से समझौता करना पड़ता है या फिर अपने आप से। ऐसा ही एक सपना लेकर उत्तराखंड के मनीष जोशी अपनी पत्नी ममता जोशी और बेटी भव्या जोशी के साथ बहरीन गए थे, लेकिन बहरीन के जिस स्कूल में वो नौकरी करते थे, वहां उनका उत्पीड़न शुरू हो गया। मनीष अब अपनी पत्नी और बेटी के साथ बहरीन में ही फंस कर रह गए हैं। पिछले कई दिनों से उनके परिजन मनीष और उनकी पत्नी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनसे बात नहीं हो पा रही। बहरहाल परिजनों और सरकार की कोशिशों की बदौलत इस मामले में विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लिया है।
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इसके बाद दंपति को वापस लाने के लिए कोशिश शुरू कर दी गई है। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने बहरीन में भारतीय दूतावास से संपर्क किया है। मनीष जोशी अल्मोड़ा के न्यू इंदिरा कॉलोनी के रहने वाले हैं। तीन साल पहले मनीष अपनी पत्नी और बेटी के साथ नौकरी करने के लिए बहरीन चले गए थे। बहरीन में मनीष को एक स्कूल में नौकरी तो मिली, लेकिन इसके साथ ही उत्पीड़न का अंतहीन सिलसिला भी शुरू हो गया। मनीष के परिजनों का कहना है कि पिछले कई दिन से वो मनीष और उनकी पत्नी से संपर्क नहीं कर पाए हैं। कुछ दिन पहले मनीष और उनकी पत्नी ने फोन पर बात करते वक्त बहरीन में अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें स्कूल प्रबंधन प्रताड़ित कर रहा है। दंपति से बात ना होने पर परिजनों ने इस संबंध ने केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा से बात की थी।
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अजय टम्टा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विदेश मंत्रालय को इस संबंध में सूचना दी। उनकी कोशिशों का नतीजा भी दिखने लगा है। विदेश मंत्रालय ने बहरीन में भारतीय दूतावास से संपर्क किया है। केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा ने बताया कि ‘बहरीन में फंसे दंपति को वापस लाने की कोशिश की जा रही है, उम्मीद है हमें जल्द सफलता मिलेगी’। एक बात सच है कि उत्तराखंड के लोग जीवन यापन करने के लिए शहरों और विदेशों में तो चले जाते हैं लेकिन वहां वो किस तरह की जिंदगी जी रहे हैं, शायद वो ही जानते हैं। फिलहाल हमारी भी दुआएं ये ही हैं कि मनीष जोशी अपने परिवार के साथ सकुशल वापस आ सकें। विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार कोशिशें जारी हैं और देखना है कि आखिर कह तक ये परिवार घर वापस लौटता है।