देवभूमि फिर शर्मसार! शिक्षक पर छात्राओं से छेड़छाड़ का आरोप..उठी कार्रवाई की मांग
देवभूमि में शिक्षा के मंदिर में फिर शर्मनाक घटना हुई। स्कूल के शिक्षक पर छात्राओं संग छेड़छाड़ का आरोप लगा है।
May 18 2019 4:15PM, Writer:कोमल
सरकार बेटियों को पढ़ाने के लिए...उन्हें आगे बढ़ाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही हैं, लेकिन जब स्कूल में सुरक्षित माहौल ही नहीं होगा तो कोई अपनी बेटी को पढ़ने क्यों भेजेगा...मामला रानीखेत विकासखंड का है, जहां ताड़ीखेत के जीआईसी कुनेलाखेत के शिक्षक पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि आरोपी टीचर बच्चियों के साथ अश्लील बातें करता है, उनसे अभद्रता करता है। जब हालात बेकाबू हो गए तो बच्चियों ने इसकी शिकायत अपने घर पर कर दी। जिसके बाद क्षेत्रीय महिलाएं स्कूल में आ धमकीं और प्रिंसिपल से मिलकर आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। प्रिंसिपल ने आरोपी टीचर से मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि कुनेलाखेत का ये इंटर कॉलेज 2 साल पहले भी इसी तरह की घटना के चलते चर्चा में आया था। उस वक्त भी टीचर पर छात्राओं संग अश्लील हरकत और छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे। अभिभावकों ने उस वक्त आंदोलन भी किए थे, लेकिन बाद में मामला रफा-दफा हो गया।
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राजकीय इंटर कॉलेज कुनेलाखेत में पढ़ने वाली बच्चियां स्कूल में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। जिस बच्चियों के साथ टीचर ने छेड़छाड़ की वो महज 8वीं और 9वीं में पढ़ती हैं। ऐसा करते हुए टीचर को ना तो अपनी उम्र का लिहाज रहा और ना ही गुरुधर्म का...बच्चियां लंबे वक्त से टीचर की गलत हरकतों को बर्दाश्त कर रहीं थीं, लेकिन जब सहा नहीं गया तो उन्होंने अपनी मां को इस बारे में बताया। मामले के तूल पकड़ने के बाद गांव की दो महिलाएं स्कूल पहुंची और प्रिंसिपल को पूरी घटना से अवगत कराया। बताया जा रहा है कि आरोपी टीचर स्कूल में संस्कृत पढ़ाता है, वो काफी उम्रदराज है...उसकी हरकतों से बच्चियां बेहद डरी हुई हैं। बहरहाल स्कूल प्रिंसिपल ने आरोपी टीचर से मामले में जवाब देने को कहा है, साथ ही खंड शिक्षाधिकारी को भी सूचना दे दी है। बड़ा सवाल ये है कि शिक्षा के मंदिर आखिर कब तक शर्मसार होते रहेंगे...घटिया मानसिकता वाले ऐसे ही कुछ लोगों की वजह से परिजन बच्चियों को स्कूल नहीं भेजते, बच्चियां भी स्कूल जाने से डरने लगती हैं...शिक्षा के मंदिर में ऐसा पाप करने वाले आरोपियों को जितनी सजा दी जाए कम है।