Video: उत्तराखंड वालो सावधान..देहरादून से टोयोटा की कार लोगे तो मुश्किल में फंसोगे!
बात सोचने वाली है और खास तौर पर उन लोगों के लिए और भी ज्यादा जरूरी बात है...जो कार से सफर करते हैं। वीडियो भी जरूर देख लीजिए
Jun 7 2019 2:23PM, Writer:आदिशा
उत्तराखंड की सड़कें...उबड़-खाबड़ और सांप सीढ़ी टाइप। इन रास्तों पर सफर करना सांस थामे रखने जैसा है...एक दिन बीतता नहीं कि हादसे की खबर सामने आ जाती है। कुछ हादसे अपनी गलतियों से, कुछ हादसे ओवर स्पीड से...और कुछ हादसे कार कंपनियों की वजह से? अब कहना तो ये ही पड़ रहा है। ताज़ा मामला उत्तराखंड के पांडवाज़ से जुड़ा है। पांडवाज़ यानी ईशान डोभाल, कुणाल डोभाल और सलिल डोभाल। ये बात तो आप सभी जानते हैं कि अपने अलग हुनर की बदौलत ये तीनों पहाड़ के लोगों के दिल में जगह बना चुके हैं। खैर वो इतर बात है...लेकिन सफलता के इस रास्ते में उनके साथ एक वाकया हो गया। एक हादसा..जो गंभीर भी हो सकता था। शुक्र है कि वो सही सलामत हैं लेकिन इस सलामती पर नज़र उसी कार ने लगाई जिसे उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई के बाद खरीदा था। टोयोटा कंपनी की इनोवा क्रिस्टा कार इन्होंने खरीदी। शूट के लिए पूरा उत्तराखंड घूमना पड़ता है, तो जाहिर सी बात है कि एक ऐसी गाड़ी चाहिए...जो पहाड़ में हर तरह की सड़क पर आसानी से सफर कर सके। कार भी देहरादून के ऑथराइज्ड डीलर से ली गई थी। कार की शुरुआती तीन फ्री सर्विस भी कराई गई।
तीसरी सर्विस के दौरान ही अलग से पैसा देकर टायर का व्हील अलानमेंट भी करा दिया गया और इसके बाद कांड हो गया। तीनों भाई टिहरी वाले रास्ते जा रहे थे कि गाड़ी का टायर फट गया। शुक्र है तीनों बाल-बाल बच गए। अब मन में डर था कि कहीं कार किसी चीज से टकरा तो नहीं गई? बाहर निकलकर देखा तो ऐसा कुछ भी नहीं था...टायर गलत अलाइनमेंट की वजह से फट चुका था। दूसरे टायर भी चेक किए तो उनका भी कमोबेश ये ही हाल था। तीनों भाइयों ने टोयोटा मोबाइल एप के जरिए कंपनी से कनेक्ट करने की कोशिश की, तो उन्हें देहरादून में टोयोटा के ऑथराइज्ड डीलर के पास भेजा गया। यहां पहुंचे तो चक्करघिन्नी की तरह चक्कर काटने शुरू हो गए। टोयोटा में जिस शख्स के पास गए उसने कहा कि ये कंपनी की गलती नहीं है बल्कि टायर बनाने वाली कंपनी ब्रिजस्टोन की गलती है। ऐसा कहां होता है भाई ? जब आप कार खरीदते हैं, तो टायर के साथ ही लेते हैं न ? ऐसा तो नहीं होता कि आपके सामने दूसरी कंपनी से टायर मंगा कर लगाए जाते हैं ? चलिए आगे और भी दिलचस्प चीजें पढ़िए…
कुणाल डोभाल ने उस शख्स से कहा ‘अरे भाई कार एक कंप्लीट यूनिट के रूप में आपसे खरीदी गई है। अभी कार अंडर वॉरंटी है और जिम्मेदारी कंपनी की ही बनती है।’ खैर कंपनी वाले नहीं माने...आखिरकार तीनों भाइयों को ब्रिजस्टोन टायर कंपनी जाना पड़ा। ब्रिजस्टोन टायर कंपनी वालों ने भी हैरान कर दिया...उन्होंने कहा कि ‘टायर बेहद ही गलत तरीके से अलाइन किया गया है।’ इतना सब कुछ होने के बाद भी अब तक कंपनी की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। मतलब इतना सोच लीजिए कि 6 मई को complaint की गई थी...चारों टायर damage होने के कारण अब ये गाड़ी चलने लायक़ हालत में नहीं है और इसका सीधा असर पांडवाज के काम पर पड़ रहा है। काम में नुक़सान होना शुरू हो गया है। Toyota service centre में skilled labour की कमी है या गाड़ी में कोई तकनीकी ख़राबी ये तब ही पता चल पाएगा जब Trust toyota Dehradun गाड़ी की जाँच करेगा।
तो सवाल ये है कि आखिर क्यों भरोसा किया जाए ? नाम तो Trust Toyota है, फिर Trust का मज़ाक क्यों बनाया जा रहा है ? इसलिए हम आपसे अपील करना चाहते हैं कि अगर उत्तराखंड में आप Toyota की गाड़ी पर भरोसा जता रहे हैं, तो संभलने की जरूरत है। कोई भी कार आप अपनी मेहनत की कमाई से खरीदते हैं। वो मेहनत की कमाई ‘जानलेवा कमाई’ में न तब्दील हो..ध्यान रखिए। ये वीडियो भी देख लीजिए।