जय देवभूमि..पिता पप्पू कार्की के लिए नन्हे दक्ष ने गाया गीत..4 दिन में 2 लाख लोगों ने देखा
लोकगायक पप्पू कार्की इस दुनिया को छोड़कर चले गए, पर पिता ने जो रास्ता दिखाया था नन्हा दक्ष उस पर चल पड़ा है...देखिए वीडियो
Jul 4 2019 12:14PM, Writer:कोमल नेगी
पिछले साल 9 जून को उत्तराखंड ने अपना एक होनहार गायक खो दिया था। लोकगायक पप्पू कार्की उत्तराखंडवासियों को रोता-बिलखता छोड़कर चले गए। भला ये भी कोई उम्र होती है दुनिया छोड़कर जाने की। पप्पू कार्की भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका 10 साल का नन्हा बेटा दक्ष, पिता के दिखाए रास्ते पर चल पड़ा है। हाल ही में नन्हें दक्ष ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए एक गीत गाया है। गीत तारा एक तारा...के जरिए दक्ष अपने पिता को याद कर रहे हैं। गीत का वीडियो भी शानदार है। हम अपने जीवन में किसी को केवल एक बार ही मां और पिता कहते हैं। बच्चे के जीवन में पिता की जगह कोई नहीं ले सकता। पिता को खो देने का गम क्या होता है, ये दक्ष की मासूम आंखों को देखकर साफ समझा जा सकता है। तमाम मुश्किलें हैं, अभी दक्ष को जीवन में कठिन संघर्ष और लंबा सफर तय करना है, पर दक्ष ने हौसला नहीं खोया है।
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दक्ष कार्की का गाया नया गीत हाल ही में यू-ट्यूब पर रिलीज हुआ। इसे पीके एंटरटेनमेंट ग्रुप ने रिलीज किया है। गाने को संगीत दिया है नितेश बिष्ट ने, जबकि लिरिक्स मोहित रौतेला ने लिखे हैं। दिल को छू लेने वाला ये गीत आपको जरूर पसंद आएगा। अब तक हजारों लोग इस गीत को देख चुके हैं, इसे लाइक कर चुके हैं। आपको बता दें कि 9 जून 2018 को पप्पू कार्की का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। पहाड़ के छोटे से गांव से निकलकर लोकगायक बनने तक का सफर पप्पू कार्की ने बेहद मुश्किल से तय किया। उन्होंने दिल्ली में प्रिंटिंग प्रेस में, पेट्रोप पंप में और यहां तक की चपरासी का भी काम किया। पर किस्मत ने उनके लिए कुछ और सोचा था। साल 2010 में उनका गाया गीत 'डीडीहाट की जमुना छोरी' सुपरहिट हुआ। इसके बाद पप्पू कार्की ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। नए कलाकारों को मौका देने के लिए उन्होंने एक स्टूडियो भी खोला था। अभी उन्हें जीवन में और सफलताएं देखनी थी, पर दुर्भाग्य ने उन्हें हमसे छीन लिया। पप्पू कार्की भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन नन्हा बेटा दक्ष पिता की थाती को बखूबी आगे बढ़ा रहा है। दक्ष के रूप में पप्पू कार्की हमेशा जिंदा रहेंगे। देखिए गीत