गढ़वाल राइफल के जवान बने देवदूत, असम की भयानक बाढ़ में कई लोगों को बचाया
बाढ़ से जूझ रहे असम के लिए उत्तराखंड के सैनिक किसी देवदूत से कम नहीं, ये नहीं होते तो अब तक हजारों की जान चली गई होती...देखिए तस्वीरें
Jul 12 2019 4:07PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड अपनी गौरवशाली सैन्य परंपरा के लिए जाना जाता है। बात चाहे देश सेवा की हो या मानव सेवा की, यहां के जांबाज सिपाही हमेशा अपना फर्ज ईमानदारी से निभाते रहे हैं। गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने आपात स्थिति में लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये जवान प्राकृतिक आपदाओं और विषम परिस्थितियों को अच्छी तरह जानते हैं, समझते हैं। यही वजह है कि चाहे बाढ़ राहत कार्य हों या फिर भूस्खलन-हिमस्खलन से उपजे गंभीर हालात, गढ़वाल राइफल्स के जवान हर मुश्किल में खुद को साबित करते रहे हैं। केरल में आई बाढ़ से हजारों लोगों को बचाने वाले ये जवान इस वक्त असम में लोगों की जान बचा रहे हैं। असम के लोग इन्हें मसीहा कहते हैं और ये बात काफी हद तक सही भी है। बाढ़ में डूबे घरों से लोगों को निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना कोई आसान काम नहीं है। ऐसा करने का साहस केवल एक सैनिक ही कर सकता है।
असम में ठीक नहीं हैं हालात
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इस वक्त असम के हालात सही नहीं हैं। यहां आसमान से बरस रही आफत ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है। असम में कुल 33 जिले हैं, जिनमें से 17 बाढ़ प्रभावित हैं। इन जिलों के 4 लाख से ज्यादा लोगों के घर बाढ़ के पानी में बह गए।
गढ़वाल रािफल्स के जवान बने देवदूत
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ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से लाखों परिवार अपना घर छोड़ चुके हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं। 64 से ज्यादा सड़कें और एक दर्जन पुल बाढ़ के पानी में डूबे हैं। ऐसे वक्त में जबकि इन लोगों ने अपने बचने की आस ही छोड़ दी थी, ठीक उसी वक्त पर गढ़वाल राइफल्स के जवान यहां पहुंच गए और राहत कार्य शुरू कर दिया।
लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया
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जवानों की बदौलत अब तक हजारों लोग सुरक्षित जगह पर पहुंचाए जा चुके हैं। असम के लोग गढ़वाल राइफल्स के इन जवानों को दुआएं देते नहीं थक रहे। अपनी जान की परवाह ना कर ये जवान दूसरे लोगों की जान बचा रहे हैं।
इस साहस को देश का सलाम
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ऐसा साहस और सेवा का जज्बा केवल एक सैनिक में ही हो सकता है। गढ़वाल राइफल्स के इन जवानों ने ना सिर्फ हजारों लोगों की जान बचाई है, बल्कि अपने प्रदेश से दूर एक दूसरे प्रदेश के लोगों के बीच अच्छी छवि भी कायम की है। ये सैनिक ही हमारी सच्ची पहचान हैं।