देवभूमि के इस DM को सलाम, पहाड़ के 70 गरीब बच्चों को दे रहे हैं IAS-PCS की मुफ्त कोचिंग
अफसरों के रूप में उत्तराखंड को ऐसे काबिल युवा मिले हैं, जो कि समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं...
Jul 17 2019 5:13PM, Writer:Komal negi
हाल ही में एक फिल्म आई है ‘सुपर 30’, इस फिल्म में सुपर 30 कोचिंग सेंटर के संचालक आनंद कुमार की कहानी दिखाई गई है। ‘अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, जो काबिल होगा वही बनेगा’ आनंद कुमार का किरदार निभा रहे अभिनेता ऋतिक रौशन जब ये डॉयलॉग बोलते हैं तो सिनेमा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगता है। अपने उत्तराखंड के गरीब बच्चे भी अब ऐसे ही अफसर बन सकेंगे। आईएएस-पीसीएस की कोचिंग के लिए उन्हें शहर नहीं भागना पड़ेगा। अल्मोड़ा के डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने यहां के गरीब बच्चों के लिए ऐसी ही शानदार पहल की शुरुआत की है। डीएम नितिन भदौरिया ऐसे गरीब बच्चों को आईएएस-पीसीएस की कोचिंग कराते हैं, जो कि शहर में रहने और कोचिंग सेंटर का खर्चा नहीं उठा सकते। इस वक्त डीएम भदौरिया के निशुल्क कोचिंग सेंटर में कुल 70 छात्र-छात्राएं हैं। कोचिंग सेंटर का संचालन जिला प्रशासन कर रहा है। जिसमें बच्चों को सिविल सर्विसेज के साथ ही दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। जिलाधिकारी के साथ ही दूसरे आईएएस और पीसीएस अफसर खुद इन बच्चों को पढ़ाते हैं। उनका हौसला बढ़ाते हैं। बाहर से प्रोफेशनल शिक्षक भी बुलाए गए हैं।
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अल्मोड़ा के होनहार बच्चों को इस कोचिंग सेंटर में मुफ्त पढ़ने का मौका मिल रहा है। उन्हें क्वालिटी एजुकेशन मिल रही है। सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए दिल्ली से स्टडी मटीरियल भी मंगाया जाता है। अपने इस कदम से डीएम भदौरिया काफी संतुष्ट नजर आते हैं। वो समाज की बेहतरी के लिए एक सार्थक प्रयास कर रहे हैं, इससे बेहतर भला क्या हो सकता है। बच्चे भी खुश हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। ये बच्चे जब अफसर बनेंगे तो निश्चित रूप से समाज को बेहतर बनाने में अपना भी योगदान देंगे। अल्मोड़ा में तो प्रयास हो ही रहा है। डीएम अब रानीखेत और द्वाराहाट में भी ऐसे ही निशुल्क कोचिंग सेंटर खोलने जा रहे हैं, अब यहां के गरीब बच्चे भी मुफ्त कोचिंग ले सकेंगे, अफसर बन सकेंगे। उत्तराखंड धन्य है, जहां ऐसे काबिल अफसर मौजूद हैं। जो कि अपनी जिम्मेदारी निभाने के साथ ही पहाड़ के लिए, यहां के बच्चों के लिए, उनके सपने पूरे करने में जी जान से जुटे हैं। ऐसे काबिल अफसरों को हमारा सलाम...