कश्मीर पर इस वक्त की सबसे बड़ी खबर, खत्म होगी धारा-370..जानिए क्या है 370
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया है। जानिए इसके बारे में खास बातें
Aug 5 2019 11:38AM, Writer:आदिशा
जम्मू-कश्मीर में आज कुछ बड़ा होने की अटकलें पहले से ही थीं। राज्य में धारा 144 लागू पहले ही कर दी गई थी। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के साथ साथ विपक्ष के कई बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। मोदी कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हुई और अब बात देश को बड़ी जानकारी देने की थी। बैठक से पहले गृह मंत्री अमित शाह और NSA अजीत डोभाल की मुलाकात पीएम मोदी से हुई थी। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया। इसके अलावा शाह ने राज्य के पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा है। अमित शाह के बयान से पहले राज्यसभा मेंं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर की स्थिति का मुद्दा सदन के बीच उठाया था। आजाद ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को नरबंद किया गया है, गृह मंत्री को घाटी की स्थिति पर बयान देना चाहिए। इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि वो हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं लेकिन पहले उनकी बात कहने दी जाए। आखिरकार अमित शाह ने ये बड़ी बात सदन में बताई।
धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिये।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्तता दी गई है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 एक ऐसा लेख है जो जम्मू और कश्मीर राज्य को स्वायत्तता का दर्जा देता है।
भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
अनुच्छेद 35ए
अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। अस्थायी नागरिक जम्मू-कश्मीर में न स्थायी रूप से बस सकते हैं और न ही वहां संपत्ति खरीद सकते हैं। उन्हें कश्मीर में सरकारी नौकरी और छात्रवृत्ति भी नहीं मिल सकती। 1954 में इसे संविधान में जोड़ा गया था।