image: corbet national park juhi elephant

उत्तराखंड के कार्बेट नेशनल पार्क में शोक की लहर, 3 साल की 'जूही' चली गई

हरिद्वार से सटे चीला रेंज में नन्हीं हथिनी जूही की मौत हो गई, वो साल 2017 में अपने परिवार से बिछड़ गई थी...
Aug 5 2019 1:34PM, Writer:कोमल

उत्तराखंड में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन ये कोशिशें कामयाब होती नहीं दिख रहीं। हरिद्वार से सटे राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में एक नन्हीं हथिनी जूही की मौत हो गई। मादा हथिनी की मौत की वजह पता नहीं चल पाई है। वन विभाग ने हथिनी के शव का पोस्टमार्टम करा दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही जूही की मौत की वजह का पता चल सकेगा। जूही की मौत से पार्क प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी बेहद दुखी हैं। वो उसे पार्क का नहीं अपने परिवार का हिस्सा मानते थे। जूही साल 2017 से चीला रेंज में रह रही थी, उसकी उम्र 3 से चार साल के बीच बताई जा रही है। साल 2017 में जूही हाथियों के झुंड से बिछड़ गई थी। उस वक्त पार्क प्रशासन जूही को चीला रेंज लाया था। तब से जूही यहीं रह रही थी। कर्मचारी उसकी अच्छी तरह देखभाल कर रहे थे, पर शनिवार को जूही ने दम तोड़ दिया।

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पार्क प्रबंधन ने बताया कि शनिवार शाम कर्मचारी मादा हाथी को घास चराने के लिए जंगल लेकर गए थे। उस वक्त वो एकदम सामान्य थी। देर शाम जब जूही बाड़े में लौटी तो अचानक उसकी हालत बिगड़ने लगी। ये देख कर्मचारी घबरा गए। बैचेन जूही अचानक जमीन पर गिर पड़ी। कर्मचारियों ने उसे पानी पिलाया। पर जूही ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया है। मौत की वजह पता नहीं चल पाई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही जूही की मौत की वजह पता चल पाएगी। आपको बता दें कि कुछ ही दिन पहले नैनीताल के आमबाड़ा में रह रही लक्ष्मी नाम की हथिनी की भी मौत हो गई थी। उसके पैर में इंफेक्शन था, लक्ष्मी को बचाने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन वो बच नहीं पाई।


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