पहाड़ के उफनते गदेरे में बहा 8 साल मासूम, गांव से 2 किलोमीटर दूर मिली लाश
8 साल का गणेश गदेरे में पानी भरने गया था, इसी दौरान वो हादसे का शिकार हो गया...पढ़ें पूरी खबर
Aug 16 2019 5:50PM, Writer:Komal Negi
पहाड़ की जिंदगी कभी भी आसान नहीं रही है। यहां हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है। खाने से लेकर पानी जैसी जरूरतें पूरी करने तक के लिए लोगों को कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। मीलों का सफर तय करना पड़ता है। उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में रहने वाला 8 साल का गणेश भी ऐसी ही जद्दोजहद से जूझ रहा था। वो पानी भरने के लिए गदेरे में गया था, लेकिन मवेशियों के बाड़े से लेकर गदेरे तक की ये दूरी उसके जीवन का अंतिम सफर साबित हुई। उफनते गदेरे ने 8 साल के मासूम को लील लिया। बाद में उसकी लाश गदेरे से दो किलोमीटर दूर बरामद हुई। गणेश की मौत के बाद से उसके घर में कोहराम मचा है। परिजन बिलख रहे हैं, अपने लाडले को याद कर-कर के रो रहे हैं। गांव में मातम पसरा है। ये दुखद हादसा साल्ड गांव में हुआ, जो कि उत्तरकाशी के भटवाड़ी तहसील में पड़ता है। बुधवार की शाम गांव में रहने वाले अजय सिंह राणा अपने 8 साल के बेटे को लेकर गौशाला में गए हुए थे। गौशाला गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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गौशाला पहुंचकर अजय काम करने लगे। तभी गणेश ने पिता से कहा कि वो गदेरे से पानी लेने जा रहा है। अजय को पता होता कि इसके बाद वो गणेश को फिर जिंदा नहीं देख पाएंगे, तो शायद वो गणेश को भेजते ही नहीं। पर गदेरों से पानी लाना पहाड़ के लोगों की दिनचर्या का हिस्सा है। अजय ने भी गणेश को भेज दिया। पानी भरते वक्त गणेश उफनते गदेरे में बह गया। काफी देर तक जब गणेश वापस नहीं आया तो पिता अजय उसकी तलाश करने लगे। गणेश तो नहीं मिला, पर गौशाला से 2 किलोमीटर दूर उसकी लाश मिली। बेटे की लाश देख पिता का कलेजा फट पड़ा, वो बेसुध होकर खुद को कोसने लगे। 8 साल के मासूम की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है। हमारी आपसे अपील है कि बरसात के वक्त नदियों-गदेरों से दूर रहें, दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें।