चार धाम रेल नेटवर्क से जुड़ी अच्छी खबर, 2020 में न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से चलने लगेंगी ट्रेन
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के पहले स्टेशन न्यू ऋषिकेश का काम पूरा होने वाला है, 2020 में यहां से ट्रेनों का संचालन होने लगेगा...
Sep 17 2019 7:15PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ के लोग ट्रेन की छुक-छुक सुनने का इंतजार कर रहे हैं, ये इंतजार जल्द खत्म होने की उम्मीद जगी है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। इस साल के आखिर तक परियोजना का पहला रेलवे स्टेशन न्यू ऋषिकेश बनकर तैयार हो जाएगा। अगले साल अप्रैल में इस रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। ये हाईटेक रेलवे स्टेशन है, जिस पर अगले साल अप्रैल 2020 से रेलगाड़ी के संचालन की तैयारी की जा रही है। रेल विकास निगम ने परियोजना के काम को पैकेज 1-ए में शुरू किया था, जिस पर करीब 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत पहाड़ पर 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बनाई जानी है। रेल विकास निगम पहाड़वासियों के इस सपने को पूरा करने में जुटा है। वीरभद्र रेलवे स्टेशन से न्यूज ऋषिकेश के बीच रेल लाइन बिछ चुकी है। बाईपास पर आरयूबी का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है।
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न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा। यहां दस प्लेटफार्म होंगे। सभी प्लेटफार्म इस साल के आखिर तक बनकर तैयार हो जाएंगे। अगर न्यू ऋषिकेश से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाता है तो हरिद्वार तक आने वाली ज्यादातर गाड़ियों को ऋषिकेश से संचालित किया जा सकता है। न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन कई मायनों में खास होगा। यहां दस प्लेटफार्म होंगे, एक से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने के लिए अंडर ब्रिज होगा। आपको बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की अधिकांश लाइन मेंटेनेंस फ्री टेक्निक से तैयार हो रही हैं। 125 किमी लंबी रेललाइन का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंग के भीतर रहेगा। ये रेल लाइन देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चमोली जिलों को कवर करेगी। रेल लाइन से चारधाम यात्रा को मजबूती मिलेगी। श्रद्धालु कर्णप्रयाग तक ट्रेन से पहुंच सकेंगे। 125 किमी लंबी रेल लाइन पर कुल 12 रेलवे स्टेशन होंगे। पहला रेलवे स्टेशन न्यू ऋषिकेश होगा, उसके बाद शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, आक्सलरी, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर और गौचर में रेलवे स्टेशन बनेंगे। आखिरी स्टेशन कर्णप्रयाग होगा। साल 2025 तक प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा।