पहाड़ में महिला को सांप ने काटा, झाड़-फूंक करते रहे परिजन..हुई दर्दनाक मौत
परिजन महिला को अस्पताल ले जाने की बयाज झाड़-फूंक करा रहे थे, बाद में अस्पताल भी ले गए पर महिला बच नहीं सकी...
Sep 28 2019 6:47PM, Writer:कोमल नेगी
सर्पदंश के मामलों में दवा पर भरोसा करने की बजाय लोग आज भी झाड़-फूक का सहारा लेते हैं। इस अंधविश्वास की वजह से कई लोगों को समय पर इलाज नहीं मिलता और वो दम तोड़ देते हैं। टिहरी के प्रतापनगर में भी ऐसा ही हुआ है। यहां रोनिया गांव में सांप के काटने से एक महिला की मौत हो गई। परिजन झाड़-फूंक कराने के बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल भी लेकर गए थे, पर अस्पताल में इंजेक्शन नहीं था। इलाज में पहले ही देर हो चुकी थी, उस पर जब अस्पताल में इंजेक्शन नहीं मिला तो महिला की मौत हो गई। पूरा मामला क्या है, ये भी बताते हैं। रोनिया गांव की रहने वाली एक महिला को सांप ने काट लिया था। सरकारी अस्पताल से वैसे भी गांव वालों को कम ही उम्मीद रहती है, इसीलिए लोगों ने घर पर ही झाड़-फूंक का सहारा लिया। सोचा महिला ठीक हो जाएगी। पर झाड़-फूंक का कोई असर नहीं हुआ। हालत बिगड़ती गई तो परिजन महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोन्ड़ ले गए।
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महिला को अस्पताल में भर्ती कर दिया। पर अस्पताल के हाल तो देखिए, अस्पताल में एंटी वेनम इंजेक्शन था ही नहीं, ऐसे में इलाज क्या खाक होता। सर्पदंश से पीड़ित महिला ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। ये सच है कि अंधविश्वास की वजह से महिला के इलाज में देरी हुई, पर अगर परिजन उसे समय पर अस्पताल ले भी जाते, तो क्या होता, क्योंकि अस्पताल में इंजेक्शन तो था ही नहीं। सरकारी अस्पतालों की यही बदहाली अंधविश्वास, झाड़-फूंक को बढ़ावा दे रही है। स्थानीय लोगों ने कहा कि सीएचसी चोन्ड़ सेंटर सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गया है। लोगों को समय पर इलाज नहीं मिलता। गांवों में ऐसे अस्पताल खोलने का क्या फायदा।