उत्तराखंड में दिखा बेशकीमती सुर्खाब पक्षी का जोड़ा, ये उम्र भर साथ रहते हैं..जानिए खास बातें
रामनगर के कोसी बैराज में सुर्खाब पक्षी पहुंचने लगे है, जानिए इस खूबसूरत पक्षी से जुड़ी खास बातें...
Oct 15 2019 8:54AM, Writer:कोमल नेगी
नैनीताल का कॉर्बेट नेशनल पार्क सिर्फ बाघों और वन्यजीवों के लिए ही नहीं, बल्कि पक्षियों की विविध प्रजातियों के लिए भी प्रसिद्ध है। नैनीताल-रामनगर के घने जंगलों में पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती हैं, यही वजह है कि ये जगह बर्ड वॉचर की पहली पसंद में शुमार है। इन दिनों रामनगर का कोसी बैराज सुर्खाब पक्षियों की आरामगाह बना हुआ है। आमतौर पर सुर्खाब पक्षी के दर्शन सर्दी के मौसम में होते हैं। सुर्खाब पक्षी नवंबर के पहले सप्ताह में यहां पहुंचते हैं, पर इस बार सुर्खाब समय से पहले कोसी बैराज पहुंच गए हैं। पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमी रामनगर में सुर्खाब की मौजूदगी से खुश है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पक्षियों की 6 सौ से ज्यादा प्रजातियां मिलती हैं, जिनमें मेहमान परिंदा सुर्खाब भी शामिल है। इन प्रवासी मेहमानों की देखभाल के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। कोसी बैराज में सीसीटीवी कैमरों से पक्षियों की निगरानी की जा रही है।
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आमतौर पर सुर्खाब पक्षी उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका, इथियोपिया, दक्षिण-पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया के साथ-साथ चीन और नेपाल के ठंडे इलाकों में रहते हैं। अक्टूबर-नवंबर में इन जगहों पर बर्फबारी की वजह से खाने की कमी हो जाती है, जिसके बाद सुर्खाब दूसरे इलाकों का रुख करते हैं। इस शर्मीले पक्षी को रूडी शेल्डक कहा जाता है। ये शीतकालीन प्रवास पर भारत आते हैं। इन्हें खुले तालाबों और नदियों में रहना पसंद है। सुर्खाब मछलियों की बजाय जलीय वनस्पति खाना ज्यादा पसंद करते हैं। अलग-अलग जगहों पर इन्हें चकवा, चकवी, नग, लोहित, चक्रवात और केसर जैसे नामों से भी जाना जाता है। सुर्खाब पक्षी उम्रभर के लिए जोड़ा बनाते हैं। इनके शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध है, वन्यजीव प्रेमी हर साल इनके आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं, अगर आप भी इस खूबसूरत पक्षी का दीदार करना चाहते हैं, तो रामनगर चले आइए, जहां इन दिनों कोसी बैराज इस खूबसूरत जलपक्षी के कलरव से गुलजार है।