भगवान बद्रीनारायण के शीतकालीन प्रवास पर जाने से पहले प्रकृति ने धाम का श्रृंगार किया, धाम के पास स्थित चोटियां बर्फ से ढंकी हैं...
Nov 6 2019 11:28AM, Writer:पंकज हटवाल
भगवान बद्रीनारायण जल्द ही अपने शीतकालीन प्रवास पर चले जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित कर दी गई है। आगामी 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इन दिनों बदरीनाथ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड की दस्तक के साथ ही बदरीनाथ धाम के पास स्थित चोटियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है। मानों प्रकृति खुद भगवान बदरीनाथ का श्रृंगार करना चाहती हो। बदरीनाथ धाम से प्रकृति के शानदार नजारों की तस्वीरें सामने आई हैं। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। इन क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बदरीनाथ में भी मौसम ने करवट बदली है। बर्फबारी, बारिश और ओलावृष्टि से ठिठुरन बढ़ गई है। पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ निचले इलाकों में भी लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं।
कीजिए बदरी विशाल के दर्शन
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बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा विराम ले लेगी। शीतकाल में भगवान बदरीनारायण की पूजा जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होगी। भगवान बद्री विशाल यहीं शीतकालीन प्रवास करेंगे। श्री उद्धव जी और श्री कुबेर जी की पूजा पांडुकेश्वर में होगी।
बदला मौसम का मिजाज
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चमोली जिले में मौसम का मिजाज बदला है। बदरीनाथ आने वाले तीर्थयात्री ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।
ऊंची चोटियों पर बर्फबारी
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रविवार को धाम की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई। निचले इलाकों में बारिश हुई, जिससे ठंड बढ़ गई है। नगर पंचायत बदरीनाथ की तरफ से अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि यात्रियों को राहत मिले।
कुदरत ने किया श्रृंगार
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बदरीनाथ धाम के अलावा मुनस्यारी की पंचाचूली, राजरंभा, हंसलिंग, छिपलाकेदार चोटियों पर भी बर्फ गिरी है। धारचूला में गुंजी, गर्ब्यांग, नाभी और कालापानी क्षेत्र में भी बर्फबारी हुई, जिससे ठंड बढ़ गई है।