image: Mobile phone found in roshanabad jail

हरिद्वार जेल में अपराधी कर रहे मोबाइल का इस्तेमाल, व्हॉट्स एप और इंटरनेट कॉलिग से चला रहे गैंग

उत्तराखंड की जेलों में बंद अपराधियों के पास से लगातार मोबाइल मिल रहे हैं, हरिद्वार जेल में कैदियों के पास से 5 मोबाइल बरामद हुए, पढ़ें पूरी खबर..
Nov 8 2019 11:14AM, Writer:कोमल

तकनीक के फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। जिस तकनीक का इस्तेमाल पुलिस अपराधियों को पकड़ने में करती है, उसी तकनीक का फायदा उठाकर जेलों में बंद अपराधी अपना धंधा चला रहे हैं। उत्तराखंड की जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों के पास मोबाइल फोन मिल रहे हैं। अपराधी व्हॉट्सएप कॉलिंग और इंटरनेट कॉलिंग के जरिए जेल में बंद रहते हुए भी अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला हरिद्वार जिले का है, जहां रोशनाबाद जेल में कैदियों के पास मोबाइल फोन मिले। जिस कैदी के पास स्मार्ट फोन मिला है उसे देहरादून जेल से हरिद्वार जेल शिफ्ट किया गया था। कैदियों के पास मोबाइल मिलने का ये पहला मामला नहीं है। तीन दिन पहले भी हरिद्वार की जेल में अपराधियों के पास से मोबाइल बरामद हुए थे। अब तक कुल 5 मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं। हर किसी के जहन में बस यही सवाल है कि आखिर सजायाफ्ता कैदियों के पास स्मार्ट फोन आए कहां से। आईजी जेल ने हरिद्वार जेल प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। आशंका जताई जा रही है कि कुख्यात अपराधी सोशल मीडिया और इंटरनेट कॉलिंग के जरिए अपना नेटवर्क चला रहे हैं।

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एक हफ्ते पहले हरिद्वार के बीजेपी नेता के बेटे राहुल शर्मा से किसी ने 20 लाख की रंगदारी मांगी थी। जिस सिम से कॉल किया गया वो कनखल की रहने वाली मोनिका चंचल के नाम पर लिया गया था। मोनिका का पति गौरव दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद है। कुछ दिन पहले हरिद्वार जेल के कैदियों के पास से 3 मोबाइल मिले थे, तब मामले को छिपाने की बहुत कोशिश की गई थी, पर कोशिश कामयाब नहीं हुई। दबाव बढ़ते देख जेल प्रशासन को मामले की जांच करानी पड़ी। इस मामले में कई पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। चलिए अब आपको जेल के नियम बताते हैं। कानूनी प्रक्रिया के तहत कैदी जेल में ना तो फोन रख सकते हैं, ना ही किसी दूसरे माध्यम से बाहर बात कर सकते हैं, पर उत्तराखंड की जेलों में कैदियों के पास लगातार मोबाइल मिल रहे हैं। साल 2018 में भी रुड़की जेल में 3 कैदियों के पास से मोबाइल फोन मिले थे। जिनमें से एक कैदी पर तत्कालीन डिप्टी जेलर नरेंद्र सिंह खंपा की हत्या का आरोप था। सवाल पुलिस पर भी उठ रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी जेल ने हरिद्वार जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।


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