उत्तराखंड में फर्जी जज बनकर मौज काट रही थी चालाक महिला, कोर्ट ने सुनाई सख्त सजा
डॉ. पूजा ठक्कर खुद को जज बताकर सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरी हुई थी, पर ये सब ज्यादा दिन तक नहीं चला...
Nov 26 2019 7:12PM, Writer:कोमल नेगी
समाज में सम्मान और रुतबा हासिल करने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। कुछ लोग मेहनत करते हैं और अपने लिए सम्मान अर्जित करते हैं, पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बिना मेहनत किए सबकुछ हासिल कर लेना चाहते हैं। टिहरी गढ़वाल घूमने आई एक महिला भी यही कर रही थी। खुद को जज बताने वाली महिला सरकारी आवास में ठहरी। सरकारी सुविधाओं का खूब लुत्फ उठाया, पर ये सब ज्यादा वक्त तक नहीं चला। सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरी महिला का झूठ आखिरकार पकड़ा गया। अब कोर्ट ने महिला को सरकारी गेस्ट हाउस में अवैध तरीके से ठहरने और टैक्सी पर लालबत्ती लगाने के मामले में सजा सुनाई है। महिला को दो साल की सजा हुई है। उसे जुर्माने के तौर पर 25 हजार रुपये भी भरने पड़ेंगे। मामला 19 जनवरी 2016 का है। वन दरोगा दिगंबर सिंह चौहान ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था।
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शिकायत में उन्होंने लिखा कि दिल्ली के रहने वाले संजीव कुमार के साथ डॉ. पूजा ठक्कर धनोल्टी आई हुई थी। मुंबई की रहने वाली पूजा ने खुद को जज बताया और धनोल्टी अतिथि गृह में रहने लगी। 20 जनवरी को वन रेंजर नीलम बड़थ्वाल ने महिला से कहा कि वो अपनी आईडी दिखाए, पर पूजा आईडी दिखाने में आनाकानी करने लगी। खेल बिगड़ता देख उसने वन रेंजर को धमकाना शुरू कर दिया। महिला का झूठ पकड़े जाने पर वन दरोगा दिगंबर सिंह चौहान ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी महिला को दोषी पाते हुए दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सरकारी खर्चे पर मौज करने वाली पूजा के दो साल अब जेल में मेहनत करते बीतेंगे, कोर्ट ने महिला पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।