image: Many police personnel of doon is bp and sugars patient

देहरादून पुलिस की सेहत पर खतरा, शुगर और बीपी के मरीज बन रहे हैं पुलिसकर्मी

देहरादून के आधे पुलिसकर्मी बीपी और शुगर जैसी बीमारियों की गिरफ्त में हैं, इसकी वजह अनियमित दिनचर्या और काम का तनाव है...
Dec 6 2019 4:21PM, Writer:कोमल

देहरादून के पुलिसकर्मियों की सेहत खतरे में है। काम के बढ़ते दबाव और तनाव की वजह से पुलिसकर्मी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पुलिसकर्मियों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ रही है, मधुमेह भी उन्हें अपनी गिरफ्त में ले रहा है। अनियमित दिनचर्या और खानपान की वजह से देहरादून पुलिस के ज्यादातर कर्मचारी तनाव में हैं, ये तनाव उनकी सेहत पर भारी पड़ रहा है। ये बात पुलिस लाइन में हुए मेडिकल हेल्थ चेकअप कैंप में पता चली। रविवार को इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल दिल्ली और अपोलो क्लीनिक देहरादून की तरफ से पुलिस लाइन में मेडिकल कैंप लगाया गया था। हेल्थ चेकअप कैंप के नतीजे पुलिस महकमे की चिंता बढ़ाने वाले हैं। कैंप में करीब चार सौ पुलिसकर्मियों ने मधुमेह, रक्तचाप, ईसीजी, बीएमआई और बीएमडी की जांच कराई। डॉक्टर्स ने बताया कि जांच के दौरान 10 फीसद पुलिसकर्मियों में मधुमेह का स्तर बढ़ा हुआ मिला। जबकि 35 से 40 फीसद पुलिसकर्मियों के रक्तचाप का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया।

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इनमें ऐसे कई पुलिसकर्मी शामिल थे, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में शुगर था। जिन पुलिसकर्मियों के खानपान का समय निर्धारित नहीं था, उनमें भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां मिलीं। डॉक्टर्स ने कहा कि पुलिसकर्मियों के बीमार होने के पीछे काम का तनाव और दौड़भाग अहम वजह है। खाने का समय निर्धारित नहीं होता, जिससे शरीर को उचित पोषण नहीं मिलता। हेल्थ कैंप में पुलिसकर्मियों को जांच रिपोर्ट के आधार पर इलाज और सावधानियां बताई गईं। अपोलो अस्पताल दिल्ली की टीम ने पुलिसकर्मियों को सीपीआर की ट्रेनिंग भी दी, ताकि वो हादसे में घायल लोगों को सीपीआर देकर उनकी जान बचा सकें। मेडिकल कैंप में अपोलो क्लीनिक के डॉ. राजकुमार केन, डॉ. हेमा गर्ग, डॉ. नीरज उपाध्याय, डॉ. परमिंदर कुकरेजा और डॉ. कृष्ण पाल मौजूद थे।


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