पहाड़ के हुकुम सिंह राणा..इनके तालाब की मछलियों की विदेशों तक है डिमांड, कमाई भी शानदार
चमोली के तालाबों में पल रही ट्राउट फिश की डिमांड विदेशों तक है, उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में ट्राउट फिश पालन रोजगार का बेहतर जरिया बन सकता है...
Dec 10 2019 5:31PM, Writer:कोमल
जो लोग ये सोचते हैं कि वो पहाड़ में रहकर कुछ नहीं कर सकते, उन्हें चमोली के हुकुम सिंह राणा से सीख लेने की जरूरत है। हुकुम सिंह राणा काश्तकार हैं, वो चमोली में ट्राउट फिश पालन से जुड़े हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड के चमोली में पनपने वाली ट्राउट फिश की विदेशों में भारी डिमांड है। हुकुम सिंह की देखादेखी गांव के दूसरे लोग भी ये समझ गए हैं कि मत्स्य पालन पहाड़ में रोजगार का अच्छा विकल्प बन सकता है। वो भी घरों के आस-पास तालाब बनवा रहे हैं, ताकि ट्राउट फिश पाल सकें। ट्राउट फिश मूलरूप से विदेशों में पाई जाने वाली मछली है, पर उत्तराखंड का मौसम इस मछली के पनपने के लिए उपयुक्त है। यहां ट्राउट फिश पालन रोजगार का अच्छा जरिया बन सकता है। ट्राउट फिश पालन करने वाले हुकुम सिंह राणा सुतोल गांव में रहते हैं। उनके अलग-अलग तालाबों में करीब 4000 ट्राउट फिश हैं।
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हुकुम सिंह कहते हैं कि उत्तराखंड के ऊंचाई वाले और ठंडे इलाकों में ट्राउट फिश के पालन के लिए उपयुक्त मौसम है। मछली पालन का आइडिया उन्हें साल 2017 में आया। सुतोल गांव हिमालय के करीब है। पानी ठंडा है और मौसम भी उपयुक्त है, इसीलिए उन्होंने ट्राउट फिश पालन शुरू कर दिया। जिसके नतीजे उत्साहजनक रहे। उत्पादन में बढ़ोतरी होने लगी। डिमांड बढ़ी तो काम भी बढ़ा और आज हुकुम सिंह राणा के तालाबों में 4000 ट्राउट फिश तैर रही हैं। आमतौर पर ट्राउट मछली यूरोप, अमेरिका की ठंडी नदियों में मिलती हैं। पैक्ड फूड इंडस्ट्री में इसकी खूब डिमांड है। ये बड़े-बड़े फाइव स्टार होटलों में सप्लाई की जाती है। चमोली में पनप रहीं ट्राउट मछली की सप्लाई विदेशों तक में की जा रही है। ट्राउट फिश ठंडे और साफ पानी में ही पनप सकती हैं। पहाड़ों में इसके लिए उपयुक्त माहौल है। हुकुम सिंह राणा कहते हैं कि फिश पालन पहाड़ में रोजगार का बेहतर जरिया बन सकता है। सरकार और मत्स्य विभाग भी लोगों की मदद कर रहा है। ऐसे में लोगों को शहर का मोह छोड़कर गांव में ही रोजगार के मौके तलाशने चाहिए।