उत्तराखंड की संस्कृति और खूबसूरती को दिखाता एक खूबसूरत गीत..आप भी देखें
अगर आपको भी उत्तराखंड के संपूर्ण दर्शन सिर्फ 6 मिनट में करने हैं तो आप इस गीत को जरूर देखें। जल्द आ रहा है। देखिए प्रोमो
Dec 11 2019 2:46PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के लोकगीतों की श्रेणी में पहली बार एक ऐसा गीत नए रूप में लॉन्च होने जा रहा है जिसमें आपको संपूर्ण उत्तराखंड दर्शन हो जाएंगे। इस गीत का टाइटल है 'जय जय हो देवभूमि'। उत्तराखंड के मशहूर लोकगायक स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी द्वारा रचित इस गीत को नए सुर दिए हैं वरिष्ठ टीवी पत्रकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने। बुधवार को सुबह गीत और इसका वीडियो ट्रेलर रमेश भट्ट ने अपनी फेसबुक वॉल पर शेयर किया। कुछ ही घंटों में इसे हजारों की तादाद में लोगों ने देखा है। दरअसल जितने सुंदर इस गीत के बोल हैं उतना ही सुंदर इसका चित्रण किया गया है। गीत का ट्रेलर देखकर ही समझ आ जाता है कि पूरे गीत का फिल्मांकन बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया गया है। गीत में उत्तराखंड के अध्यात्म, धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन के साथ साथ संपूर्ण उत्तराखंड के सौंदर्य को दर्शाया गया है। पहली ही नजर में देखने और सुनने में गीत अपने मूल के साथ दर्शकों के दिलोदिमाग पर छा रहा है। उत्तराखंड के गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार बावर का बेहतरीन चित्रण इस गीत में है। आगे देखिए गीत की छोटी सी झलक
देवभूमि के चारों धामों के साथ साथ गीत में तमाम छोटे-बड़े प्रसिद्ध सिद्धपीठों और पर्यावरणीय संतुलन का भी का सजीव चित्रण है। गीत में उच्च हिमालयी क्षेत्र और यहां के जीवन के अदभुत दर्शन होते हैं। अगर आपको भी उत्तराखंड के संपूर्ण दर्शन सिर्फ 6 मिनट में करने हैं तो आप इस गीत को जरूर देखें। तड़क भड़क और डांसिंग मूड के गीतों के इस दौर में 'जय जय हो देवभूमि, जय जय हो मातृभूमि' गीत जहां प्रवासी पर्वतीय लोगों को रिवर्स पलायन का संदेश देता है वहीं विश्व को देवभूमि उत्तराखंड के सजीव दर्शन भी कराता है। गीत में संगीत संजय कुमोला ने दिया है जबकि इसका वीडियो निर्देशन अरविंद नेगी ने किया है। गीत में अभिनय खुद रमेश भट्ट ने किया है।
मैंने पहली बार अपनी जन्मभूमि उत्तराखंड का गीत गाया है। गीत में विश्व को सम्पूर्ण उत्तराखंड के दर्शन (आध्यात्मिक और सौंदर्य) कराने की इच्छा है। काफी हद तक सफल रहा हूं। आप सबके सहयोग और प्यार से सफलता मिलेगी। पूरा गीत जल्द आप सबके बीच पहुंचाऊंगा। पेश है छोटा सा अंश।
Posted by Ramesh Bhatt on Tuesday, December 10, 2019
-मंचों पर मैं उत्तराखंड के लोकगीत वर्षों से गाता आया हूं, लेकिन ये पहला मौका है जब किसी गीत को प्रोफेशनल तरीके से स्टूडियो में गाया है और इसका फिल्मांकन कर संगीत इंडस्ट्री में लॉन्च किया जा रहा है। सबसे पहले मेरी श्रद्धांजिल स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी को। वे हमेशा मेरे प्रेरणाश्रोत रहे हैं। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मीरा गोस्वामी जी का भी बहुत बहुत आभार, जिन्होंने मुझे इस रचना को गाने की अनुमति दी। मैं गीत के फिल्मांकन और सहयोग के लिए पटवाल फिल्म्स का भी कृतज्ञ हूं। भरोसा है आप सबको ये पसंद आएगा। - रमेश भट्ट, गायक
‘मुझको बहुत खुशी है कि रमेश भट्ट जी ने पिताजी का गाना गाने से पहले मेरी माता जी से अनुमति ली थी। मुझे इसकी भी बहुत ज्यादा खुशी है कि गीत के वीडियो वर्जन में सम्पूर्ण उत्तराखंड के दर्शन हो रहे हैं। इससे हमारे राज्य का पर्यटन उद्योग भी बढ़ेगा और उत्तराखंड के सम्पूर्ण दर्शन पूरा विश्व कर पाएगा। मेरे पिताजी के समय में गीत को सिर्फ सुनने की सहूलियत थी लेकिन आज के जमाने में वीडियो से उसको भव्य दर्शाया जा सकता है। भट्ट जी ने ये काम अपनी जन्मभूमि के लिए किया है और उनके काम को सराहा जाना चाहिए। मेरी गुज़ारिश है कि सभी लोग इस गाने को ज्यादा से ज्यादा देखें और शेयर करें।- रमेश बाबू गोस्वामी, स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के पुत्र’