उत्तराखंड पुलिस की इस महिला सिपाही को सलाम, अपना खून देकर बचाई गर्भवती की जान
गर्भवती की जान बचाने के लिए पुलिसकर्मी आशा ने अपनी ड्यूटी की भी परवाह नहीं की, प्रमिला को समय रहते ब्लड नहीं मिलता तो उसकी जान बच नहीं पाती...
Dec 11 2019 4:24PM, Writer:कोमल
उत्तराखंड पुलिस पिछले लंबे वक्त से गलत वजहों से चर्चा में है, पर सच तो ये है कि खाकी में भी इंसान बसते हैं। ऋषिकेश में एक महिला पुलिसकर्मी ने एक गर्भवती की जान बचाकर इस बात को साबित कर दिया। गर्भवती की जान बचाने के लिए महिला पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी छोड़कर अस्पताल गई। वहां ब्लड डोनेट किया, तब कहीं जाकर गर्भवती और गर्भ में पल रहे शिशु की जान बच सकी। गर्भवती महिला की जान बचाने वाली इस पुलिसकर्मी का नाम आशा है, वो ऋषिकेश कोतवाली में तैनात हैं। जानकारी के अनुसार ऋषिकेश के एक निजी अस्पताल में प्रमिला नाम की गर्भवती महिला को ब्लड की जरूरत थी। प्रमिला टिहरी जिले के घनसाली की रहने वाली है। उसकी हालत गंभीर थी। पति कबूल रावत प्रमिला को अस्पताल लेकर आए तो पता चला कि प्रमिला में हीमोग्लोबिन की कमी है। डिलीवरी सर्जरी से होनी थी। जिसमें ब्लड की जरूरत पड़ती।
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लेकिन मुश्किल उस वक्त शुरू हुई जब कबूल रावत को बताया गया कि अस्पताल में ब्लड उपलब्ध नहीं है। परेशान पति सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचा, पर वहां भी ए पॉजिटिव ब्लड नहीं मिला। पति कबूल सिंह परेशान हो गया। वो टिहरी के दूरदराज के इलाके से आया था, ऋषिकेश में किसी को जानता भी नहीं था। हताश युवक अस्पताल में ही सिर पकड़ बैठ गया। तभी कमल जोशी नाम के पुलिसकर्मी ने युवक से उसकी परेशानी पूछी। कबूल सिंह ने उन्हें परेशानी बताई। जिसके बाद पुलिसकर्मी ने कबूल सिंह को कोतवाली में तैनात महिला पुलिसकर्मी आशा से मिलाया। जैसे ही आशा को पता चला कि गर्भवती महिला को खून की जरूरत है, वो ड्यूटी छोड़कर तुरंत अस्पताल पहुंच गईं और ब्लड डोनेट कर प्रमिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचाई। आशा जैसे पुलिसकर्मियों को हमारा सलाम, ऐसे लोग ही समाज में बेहतरी की उम्मीद जगाते हैं। पुलिसकर्मी आशा के इस काम की हर जगह तारीफ हो रही है।