पहाड़ के रवीश बिष्ट..एक नाटक ने बदली इनकी जिंदगी, आज हैं स्पोर्ट्स एंकर ऑफ द ईयर
स्पोर्ट्स एंकर रवीश बिष्ट किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, इसी साल उन्हें स्पोर्ट्स एंकर ऑफ द ईयर चुना गया है...
Dec 16 2019 4:24PM, Writer:कोमल
कहते हैं स्कूल-कॉलेज के दिन हमें जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल देते हैं। कोटद्वार के रहने वाले एक युवा की जिंदगी में भी सालों पहले कुछ ऐसे ही पल आए थे, जिन्होंने इस युवा को आगे बढ़ने का मकसद दिया, साथ ही पहाड़ के हर उस युवा को उम्मीद भी दी, जो कि मीडिया के क्षेत्र में नाम बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। बात कुछ साल पहले की है, कोटद्वार के डिग्री कॉलेज में एक प्ले चल रहा था, प्ले में कॉलेज का एक छात्र रिपोर्टर के किरदार में था। इस किरदार को छात्र ने कुछ इस तरह संजीदगी से निभाया, कि हर किसी ने उसे बस यही कहा कि ‘यार तू रिपोर्टर ही बनना...बस इस एक प्ले ने छात्र की पूरी जिंदगी बदल कर रख दी और इस बदलाव ने हमें जिस शख्सियत से रूबरू कराया, उसे हम आज स्पोर्ट्स एंकर रवीश बिष्ट के नाम से जानते हैं। रवीश बिष्ट किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इसी साल उन्हें स्पोर्ट्स एंकर ऑफ द ईयर चुना गया है। रवीश को ये सम्मान इंग्लैंड में खेले गए 2019 क्रिकेट वर्ल्ड कप की कवरेज के लिए दिया गया। वो अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा इंटरनेशनल मैच कवर कर चुके हैं। रवीश देश के हर बड़े न्यूज चैनल का हिस्सा रह चुके हैं और खेल जगत का हर बड़ा नाम रवीश बिष्ट को अच्छी तरह जानता-पहचानता है। रवीश बिष्ट अब जल्द ही टेड टॉक करते नज़र आएंगे...रवीश का एपिसोड जल्द ही यू ट्यूब पर लोड किया जाएगा... जिसमें रवीश अपने जीवन के संघर्ष और स्पोर्ट्स एंकर बनने की कहानी को दुनिया के सामने पेश करेंगे....आपके बता दें कि 'टेड' एक अमेरिकन कंपनी है जो दुनिया भर की शख्सियतों को अपनी सक्सेस स्टोरी बताने के लिए न्यौता देती है और प्रमुख देशों मेंं जाकर वहां रिकॉर्डिंग कराती है। टेड में बॉलिवुड के सुपर स्टार शाहरुख खान भी हिस्सा ले चुके हैं। हालही में 'टेड टॉक का आयोजन उड़ीसा के सबसे पुराने इंजिनिरिंग कॉलेज - वीर सुरेंद्र सांई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी में किया गया था जिसमें खेल पत्रकारिता से रवीश बिष्ट को बुलाया गया था।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: दहेज के लिए दरिंदगी..मुंह में कपड़ा ठूंसकर चप्पल से पीटती थी सास..दो बार गर्भपात
रवीश ने ऑस्ट्रेलिया में हुई टेस्ट सीरीज को भी कवर किया था, इस सीरीज में भारतीय टीम ने विरोट कोहली की कप्तानी में पहली बार ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर जीत का परचम लहराया था। रवीश इस वक्त वो न्यूज नेशन में बतौर स्पोर्ट्स हेड सेवाएं दे रहे हैं। न्यूज नेशन से जुड़ने से पहले वो ESPN- स्टार स्पोर्ट्स, लाइव इंडिया और IBN7 जैसे बड़े मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। इस साल हुए वर्ल्ड कप के साथ ही उन्होंने दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स, एफआईएच हॉकी वर्ल्ड कप, डेविस कप और दुबई में हुए एशिया कप की भी शानदार कवरेज की थी। रवीश ना सिर्फ पहाड़ के छोटे से कस्बे से निकलकर मीडिया इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे, बल्कि उस पहचान को बनाए रखने में भी सफल रहे हैं। पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार से ताल्लुक रखने वाले रवीश की पढ़ाई उत्तराखंड में ही हुई है, पिछले कई साल से वो दिल्ली में रह रहे हैं। साल 2010 में वेस्टइंडीज में टी-20 वर्ल्ड कप की कवरेज करने गए रवीश ने वहां के एक पब में भारतीय खिलाड़ियों और फैंस के बीच हुई लड़ाई पर एक्सक्लूसिव स्टोरी की थी, जिसने भूचाल ला दिया था। स्टोरी के चलते अधिकारियों को मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था। रवीश की सफलता का सफर जारी है। दिल्ली में हुए इंडियन लीजेंड अवॉर्ड में रवीश बिष्ट को स्पोर्ट्स एंकर ऑफ द ईयर चुना गया। पिछले 12 साल से दिल्ली में रहने के बावजूद रवीश पहाड़ से जुड़े हुए हैं। उन्होंने उत्तराखंड को मीडिया इंडस्ट्री में अलग पहचान दिलाई है। जो युवा स्पोर्ट्स रिपोर्टिंग में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए रवीश ने एक खास मैसेज भी दिया है। वो कहते हैं कि खेल पत्रकारिता में पहचान बनाने के लिए मेहनत तो जरूरी है ही, साथ ही खेल को समझने की भी जरूरत है। जिस भी विषय से प्यार है, उसे करीब से जानें-समझें साथ ही अपने ज्ञान को बढ़ाते रहें। लगन सच्ची हो तो क्षेत्र कोई भी हो, सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।